दोस्तों आज हम आप सभी के लिए Birds Story in Hindi जिसका शीर्षक ” पक्षियों की पंचायत ” लेकर आये है। यह कहानी पक्षियों की है। दोस्तों यह Pakshiyon ki kahani एक शिक्षाप्रद कहानी है। आप सभी इस Birds Story in Hindi “पक्षियों की पंचायत ” को पढ़िए और दूसरों को भी share करिए।
पक्षियों की पंचायत
Birds Story in Hindi
अमरकण्टक जंगल में पीपल के एक पेड़ पर बहुत से पक्षी रहा करते थे । चित्रग्रीव कबूतर, सोनी चिड़िया, हरिय मानी मैना, नन्दा कौवा एवं और भी अनेकों पक्षी वहाँ आ सभी अपने-अपने घर का काम पूरा करके वहाँ आते थे । खाली समय में वे आपस में बतियाते थे ।
एक दिन मानी मैना बोली- ‘हम यों आपस में बातें करते रहते हैं, उसमें बहुत-सा समय यों ही बीत जाया करता है । क्यों न खाली समय में कुछ काम ही सीखा जाये ।’
मानी की यह बात सभी पक्षियों को बहुत पसन्द आयी । चिताग्रीव कबूतर ने अपनी गर्दन हिलाकर, सोनी चिड़िया ने पंख फड़फड़ाकर, हरियल तोता ने टें टें करके और नन्दा कौवे ने काँव-काँव करके उसकी इस बात का समर्थन किया । अब सभी आपस में मिलकर यह विचार करने लगे कि. क्या काम सीखा जाये जिससे खाली समय का उपयोग हो । तय यह हुआ कि हर पक्षी सिखायेगा । एक-एक दिन सभी को काम
सबसे पहले चित्रग्रीव कबूतर की बारी आई । चित्रग्रीव बोला- ‘भाइयो और बहिनो ! मैं चाहता हूँ कि आज तेज उड़ने का अभ्यास किया जाये। कई बार ऐसा होता है कि तेज न उड़ सकने के कारण हम शत्रु के मुँह में फँस जाते हैं ।’
और उस दिन मानी मैना की बारी आयी । वह बोली- ‘आज मैं आप सभी पक्षियों को आदमियों की बोली में बात-चीत करना सिखाऊँगी ।’ मानी मैना ने सभी को आदमियों की भाषा में बात करना सिखाया, पर बस एक हरियल तोता ही ऐसा था जो मानी का पाठ सीख सका । उस दिन हरियल तोता को प्रथम स्थान मिला ।
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तीसरे दिन हरियल तोता की बारी आयी वह बोला- ‘मित्रो! मैं आज आप सभी को भगवान का भजन करना सिखाऊँगा । मैं आज जब उड़ते-उड़ते नगर के पास से निकल रहा था तो मैंने एक मन्दिर से इस मन्त्र की आवाज सुनी थी- ‘ॐ भूर्भुवः स्वः… ।’ मन्दिर में इकट्ठे आदमी कह रहे थे कि इस मन्त्र का जप करने से बुद्धि शुद्ध होती है, विपत्तियाँ समाप्त हो जाती हैं ।
चित्रग्रीव कबूतर, सोनी चिड़िया, हरियल तोता आदि सभी पक्षियों ने मिलकर, अपने-अपने स्वरों को मिलाकर कहा- ‘ॐ भूर्भुवः स्वः ।’
फिर नन्दा कौवा हँसते हुए बोला- ‘लगता है तोतेराम ! तुम हम सबको पण्डितजी बनाकर छोड़ोगे । पर ध्यान रखना कि बगुला भगत की भाँति मत बनना ।’
कौवे की इस बात पर सभी पक्षी जोर से हँस पड़े । अगले दिन नन्दा कौवे की बारी थी । कौवा कहने लगा- ‘भाइयो और बहिनो ! मेरा अपना अनुभव है कि प्रसन्न रहने के लिये गाना गुनगुनाना आवश्यक है । इसलिये मैं आज आप सभी को गाना सिखाना चाहता हूँ ।’
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कौवे ने काँव-काँव करके किसी गीत की पहली पंक्ति गाई। फिर सभी से दुहराने के लिये कहा ।
‘माफ करना कौवे भाई ! तुम्हारी आवाज तो बड़ी कठोर है । गाना सिखाने के लिये तो मीठी आवाज चाहिये ।’ हरियल तोता कह रहा था । ‘हाँ भाई ! आज गला कुछ खराब-सा मालूम पड़ता है ।
सर्दी-जुकाम का कुछ असर हो गया लगता है ।’ अपने पंजे गले को पकड़कर कौवा बोला ।
‘अरे ! आज तुम्हारी तबियत ठीक नहीं है तो रहने भी दो | मत सिखाओ आज गाना, फिर कभी सिखा देना ।’ सभी पक्षी एक स्वर में कहने लगे ।
तभी नन्दा कौवे की नजर कलिया कोयल पर पड़ी । वह उड़ते-उड़ते अभी-अभी पास के आम के पेड़ पर आ बैठी थी । वह बहुत अच्छी गायिका थी। पूरे अमरकण्टक वन में. उसके बराबर अच्छा कोई नहीं गाता था ।
नन्दा कौवा बोला- ‘कलिया दीदी ! हमने तुम्हारे गाने की बड़ी प्रशंसा सुनी है । आज तुम इन सभी पक्षियों को अच्छा-सा गाना सिखा दो ।’
कलिया कोयल अपनी प्रशंसा सुनकर घमण्डी हो गयी थी । नन्दा की बात सुनकर बोली- ‘हुँ-हुँ । अभी तो मैं थकी हूँ। अभी तो आकर यहाँ बैठी हूँ, भूखी भी हूँ । थोड़ा सुस्ता लूँ और कुछ खा-पी लूँ । तब मैं तुम्हारी कोई बात सुनूँगी ।”
‘अरे दीदी ! तुम भूखी हो तो पहले से तुमने क्यों नहीं बताया ? हम भी तुम्हारे खाने के लिए कुछ लेकर आते हैं ।’ वे सारे के सारे पक्षी कहने लगे ।
Birds story in hindi – 2 Nanhe Chidiya ki Kahani Best Story Hindi
हरियल तोता उड़ा और एक मीठा-सा अमरूद लेकर आया । चित्रग्रीव कबूतर अनाज के दाने लाया । नन्दा कौवा मिठाई का एक टुकड़ा लाया । सोनी चिड़िया रोटी लाई । कलिया कोयल ने उस दिन खूब छककर खाना खाया ।
खाना खाने के बाद वह बोली- ‘अब मुझे नींद आ रही है । मैं थोड़ा-सा सोऊँगी । ‘ ‘अच्छा दीदी ! तुम सो जाओ । हम सभी तुम्हारे जगने की प्रतीक्षा करेंगे ।’ सब पक्षी कहने लगे ।
कलिया कोयल फिर आम के पेड़ पर जाकर सो गयी । इधर पीपल के पेड़ पर बैठे पक्षी बतियाने लगे । हरियल तोता बोला- ‘आज तो हम बहुत अच्छा गाना सीखेंगे ।’
चित्रग्रीव कबूतर बोला-‘ और गाना सीखने के लिए कितना कष्ट भी तो उठा रहे हैं हम ।’
मानी मैना और सोनी चिड़िया बोलीं- ‘ऐसा न कहो भैया ! ‘गुरु की सेवा करके ही विद्या मिलती है ।’
हरियल तोते ने अपना सिर हिलाकर समर्थन किया- ‘हाँ ! जो गुरु के प्रति श्रद्धा रखता है वही सच्चा ज्ञान पाता है । उसी की विद्या सफल होती है ।’
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नन्दा कौवा समझाने लगा- ‘जो गुरु की निन्दा करते है उनसे बुरा और कोई नहीं है ।’ इतनी देर में कलिया कोयल भी वहाँ उड़कर आ गयी ।
वास्तव में वह सोई हुई नहीं थी । वह आँखें बन्द करके आम के पेड़ पर बैठी थी । सभी की बातें उसने सुनीं । मन ही मन वह अपने को धिक्कार रही थी कि मैं क्यों अपनी विद्या का इतना घमण्ड कर रही हूँ । ये सभी पक्षी मेरे प्रति इतना श्रद्धा भाव रखते हैं। मुझे इन्हें गाना सिखाना ही चाहिये ।
कलिया कोयल ने प्रसन्न मन से सभी को गाना सिखाया । उसकी मधुर आवाज सुनकर सभी पक्षी बड़े खुश हुए। शाम दिये । तक कलिया कोयल ने उन्हें कई गीत सिखा सूर्य अस्त होने तक पक्षी गाने का अभ्यास करते रहे । अन्त में उन्होंने कलिया कोयल को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया । कलिया फिर आने का वायदा करके वहाँ से उड़ गयी ।
रात घिर रही थी । सारे पक्षी भी अपने-अपने घरों के लिये उड़ चले । रास्ते भर वे कलिया कोयल की प्रशंसा करते गये । नन्दा कौवा कह रहा था- ‘ज्ञान की सार्थकता इसी में हैं कि हमारे पास जो कुछ भी है वह दूसरों को भी सिखायें। जो ऐसा करता है उसकी विद्या बढ़ती ही जाती है । वही सफलता प्राप्त करता है, वही प्रसिद्धि पाता है और उसी का ज्ञान सार्थक होता है ।
दोस्तों कैसी लगी Birds Story in Hindi अर्थात पक्षियों की पंचायत कहानी आप सभी को। हमें उम्मीद है यह Pakshiyon ki kahani आप सभी को पसंद आयी होगी। दोस्तों ऐसे ही Hindi Kahani जैसी अनेकों कहानियां हमारे वेबसाइट पर उपलब्ध है उन्हें भी पढ़िए और यह कहानी कैसी लगी comment जरूर करें।