दोस्तों आज हम आपको एक नई और शानदार कहानी New Comedy Story In Hindi है। इस कहानी का शीर्षक है “क्या गधे राजमाँ खाते हैं ? ” तो दोस्तों यह कहानी को पढ़के आपको आनंद की प्राप्ति होगी। तो चलिए आप सभी इस New Comedy Kahani In Hindi को पढ़िए और अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को भी share करिए।
क्या गधे राजमाँ खाते हैं ?
Comedy Story In Hindi
जाड़ों की बात है। चारों तरफ बर्फ ही बर्फ थी। पीटर ने अपने गधे पर लकड़ी लादी और शहर की तरफ बेचने के लिए चल पड़ा कि कुछ पैसा कमा लेगा, पर जहाँ कहीं भी गया कोई भी लकड़ी खरीदने को तैयार नहीं हुआ।
शाम होने पर भूखा-प्यासा, सर्दी से काँपता पीटर अपने गधे समेत एक सराय पर पहुँचा। सराय का मालिक उसकी जान-पहचान का था। सराय के अन्दर घुसा तो देखा कि आग के चारों तरफ शहर के साहूकार और बड़े-बड़े लोग बैठे हैं।
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अपनी-अपनी मालाएँ हाथ में लिये वे शराब पी रहे थे और हँसी-मजाक कर रहे थे। पीटर ने सबको दुआ-सलाम की पर किसी ने उसकी ओर घूम कर भी नहीं देखा, आग के पास जगह देने की बात तो दूर रही। पीटर एक ठंडे कोने में खड़ा कभी पैर पटक कर बर्फ झाड़ता, कभी हाथ रगड़ता और कभी हाथों पर गर्म फूँक मारता । कुछ समय बाद उसने सराय वाले को बुलाया, इतनी जोर से कि सब सुन सकें ।
“खाने के लिए कुछ तैयार है क्या?”
“हाँ, गर्म-गर्म राजमाँ है, अभी आग से उतारे हैं।” सराय वाला बोला।
“एक बरतन में कुछ राजमाँ डालकर बाहर मेरे गधे के सामने रख दो।”
“गधे राजमाँ खाते हैं?” हैरानी से सराय वाले ने पूछा।
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आग के पास बैठे लोग भी उत्सुकता के साथ पीटर को देखने लगे ।
“मेरा गधा तो खाता है।” पीटर ने जवाब दिया । राजमाँ ले जा, जो भी पैसे होंगे, मेरी लकड़ी के हिसाब में काट लेना।”
सराय का मालिक सिर खुजलाता हुआ राजमाँ लेकर बाहर गधे के पास गया। उसके पीछे-पीछे इकट्ठे हुए लोग भी चल पड़े कि पीटर का गधा राजमाँ खाता है कि नहीं।
आग के पास की जगह खाली देख चतुर पीटर ने अच्छी-सी जगह चुन ली । अपने थैले से सूखी रोटी निकाली, और अँगीठी पर सेंकने को रख दी।
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कुछ देर बाद ही सराय वाला गुस्से से भरा वापस लौटाः
“ऐसा झूठ क्यों बोलता है बे पीटर? तेरे गधे ने तो राजमाँ को सूँघा तक नहीं।”
“अरे गधा जो ठहरा।… कोई बात नहीं। ला, मुझे दे दे, मैं ही खा लूँगा।”
चतुर पीटर ने पेट भर खाया-पीया और अच्छी तरह गर्म होने पर उठा ।
“वे साहूकार लोग कहाँ हैं? पीटर ने पूछा।
“शर्म से भाग गए सब कि तुमने उन्हें मूर्ख बना दिया…।”
“ठीक ही तो किया-गरीब आदमी को तो वे इन्सान ही नहीं मानते।”
पीटर ने अपना हिसाब चुकता करते हुए कहा।
तो दोस्तों कैसी लगी आपको यह Comedy Story In Hindi जो की एक नई कहानी है। दोस्तों ऐसे ही new comedy story in Hindi जैसी हिंदी मजेदार कहानी के लिए हमारे website में आते रहिए।