दोस्तों आज हम आप सभी के लिए Short Moral Story Hindi for Kids जिसका शीर्षक “जिसने की शर्म, उसके फूटे कर्म “लेकर आये है। यह एक रोचक कहानी है। दोस्तों यह Short Moral Story Hindi एक मजेदार कहानी है। आप सभी इस Short Moral Story Hindi “गुस्से का फल ” को पढ़िए और दूसरों को भी share करिए।
जिसने की शर्म, उसके फूटे कर्म
Short Moral Story Hindi
भैया भूखाराम तो पूरे शहर मे प्रसिद्ध हो गए थे। उसे जो भी मिलता उसी से खाना मांगकर खा लेता। कुछ न मिलता तो सूखी रोटी के टुकड़े खाकर ही अपना पेट भर लेता। हर समय उसके होठों पर यही गीत रहता था चाहे कोई खुश हो, चाहे गालियां हजार दे। भूखा राम बनके जिंदगी के दिन गुजार दे।
उसी शहर के एक सेठ किशोरी लाल की कोठी पर लंगर लगता था।
एक दिन एक आदमी ने उससे कहा “भूखा राम! तुम क्यों लोगों से जगह-जगह खाना मांगते फिरते हो। सीधे सेठ किशोरी लाल की कोठी पर जाओ मजे से हलवा-पूरी खाओ। देखो कैसा आनंद आएगा।”
“अरे भाई! क्या करूं उनके यहां जाने में जरा संकोच सा होता है। शर्म आती है।”
“ओ मूर्ख ! जिसने की शर्म उसके फूटे कर्म । जा, जाके आनंद ले।”
भूखा राम के मन को यह बात लग तो गई परंतु उसने अपने फटे हुए कपड़ों की ओर देखकर मन ही मन कहा “सेठजी की कोठी पर जाने के लिए कपड़े तो बदलने ही होंगे। यही सोचकर उसने अपनी झोपड़ी में रखा एक पुराना कुर्ता-पजामा, एक कोट निकालकर, पहन लिया और सीधा सेठजी की कोठी पर जा पहुंचा।”
Short moral story hindi – युक्ति से मुक्ति
उस भीड़ का हर आदमी एक दूसरे से आगे जाने का प्रयास करते हुए एक दूसरे को धक्के दे रहा था। भूखा राम बहुत आगे गया भी लेकिन लोग उसे धक्के देर पीछे फेंक देते।
भीड़ तो बढ़ती जा रही थी। बेचारा भूखा राम उस भीड़ में दबकर रह गया था। उसका कोट फट गया था और हाथ पर चोट भी लग गई थी लेकिन उसे खाना फिर भी नसीब नहीं हुआ। भाग्यहीन इंसान भाग्य के बिना कुछ नहीं पा सकता है। भूखा राम ने उस दिन से ही प्रातेज्ञा कर ली कि मैं अब किसी भी बड़े आदमी के घर मांगने नहीं जाऊंगा । मेरे लिए तो यही रुखी-सूखी, अचार, नमक के साथ खाई गई रोटी ही अच्छी है।
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