मीठे अंगूर |Meethe Angur | Animal Story in Hindi

दोस्तों आज हम आप सभी को Animal Story in Hindi बताएंगे। यह कहानी जंगल के जानवरों की है। यह Animal Story in Hindi एक नयी कहानी जिसमे हमें अनेक जानवरों का वर्णन मिलता है जैसे – बन्दर, लोमड़ी, चिड़िया आदि । दोस्तों यह Animal Story in Hindi एक शिक्षाप्रद कहानी है। आप सभी इसे पढ़े और अपने दोस्तों रिश्तेदारों को share करें।

मीठे अंगूर

Animal Story in Hindi

अमरकण्टक वन में तरह-तरह के फलों के पृष्ठ लगे हुए थे । चीनू बन्दर के वहाँ सबसे अधिक आनन्द थे । कभी वह आम खाता था तो कभी अमरूद । कभी किसी पेड़ पर बैठा रहता तो कभी किसी पेड़ पर ।

आप के पेड़ पर अंगूरों की एक बड़ी सुन्दर बेल फैली हुई थी । उसके रस भरे बड़े-बड़े पीले-हरे उन अंगूरों की सारे जंगल भर में प्रसिद्धि थी । कलिया कोयल, हरियल तोता, चानी चिड़िया, चीनू बन्दर आदि बहुत से अन्य पक्षी उस वृक्ष पर सारे दिन ही बैठे रहते थे ।

एक दिन अमरकण्टक वन में पास के जंगल से एक लोमड़ी आ गयी । उसका नाम था वाणी । अमरकण्टक वन में वाणी की बहिन रहती थी । उसी से मिलने वह यहाँ आयी थी ।

चलते-चलते वाणी थक गयी । थक कर वह आम के पेड़ के नीचे बैठ गयी । ठण्डी-ठण्डी हवा ने उसकी सारी थकान दूर कर दी । सहसा ही वाणी की निगाह पेड़ के तने पर पहुँची । उस पर बड़ी सुन्दर अंगूरों की बेल चढ़ी हुई थी ।

रसभरे सुन्दर-सुन्दर, गोल-मटोल अंगूरों को देखकर वाणी के मुँह में पानी भर आया और उसकी लार टपकने लगी ।

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वाणी ने अंगूरों पर छलांग लगायी, पर अंगूर ऊँचाई पर लगे थे । उसका छलांग लगाना बेकार गया । वाणी का बार-बार ही कूदना देखकर पेड़ पर बैठी कलिया कोयल, हरियल तोता, चानी चिड़िया और चीनू बन्दर सभी हँस पड़े ।

वाणी की जीभ चटकारे भर रही थी। अंगूर पाने के लिये बेताव हो रही थी । उसने देखा कि पेड़ पर बैठा पक्षियों का झुण्ड आराम से अंगूरों की दावत उड़ा रहा है ।

वाणी ने सोचा कि मैं अंगूरों तक तो पहुँच नहीं पाऊँगी । पेड़ पर बैठे इन पक्षियों से ही माँग लेती हूँ । वह कलिया कोयल से बोली– ‘कलिया बहिन ! कृपा करके दो-चार अंगूर मेरे लिये भी गिरा दो ।’

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चार बार कहने पर तो कलिया कोयल ने कहीं जाकर लोमड़ी की बात सुनी । फिर वह बोली- ‘ओह मौसी ! अंगूर खाने भी क्या जरूरी हैं ? कुछ और खाकर पानी पी लेना । मुझे देर हो रही है । मैं तो घर जा रही हूँ ।’ इसके बाद कुहुक-कुहुक करती कलिया कोयल फुर्र से उड़कर चली गयी ।

वाणी लोमड़ी फिर चीनू बन्दर से बोली– ‘भैया चीनू ! मैं बड़ी थकी हुई हूँ । तुम मुझे कुछ अंगूर गिरा दो । तुम्हारी बड़ी मेहरबानी होगी ।’

चीनू बन्दर मुँह चिढ़ाकर बोला– ‘ओह काकी ! तुमने भी | कभी किसी को अंगूर खिलाये हैं ? तुम भी किसी को कुछ देती हो ? जो दूसरों को दे नहीं सकता वह पाने का भी अधिकारी नहीं है । जो देता है वही पाता है ।’

फिर वाणी हरियल तोता से बोली– ‘भैया ! तुम ही मुझे कुछ अंगूर खिला दो ।’

हरियल तोता बोला– ‘मौसी ! एक दिन मैं तुम्हारे घर गया था तो तुमने मुझे बैठाया तक नहीं । मैं कहता कहता थक गया कि मौसी मैं प्यासा हूँ, मुझे जरा-सा पानी पिला दो, पर तुमने मुझे एक बूँद पानी तक न दिया ।’

चानी चिड़िया बोली– ‘मौसी माफ करना ! हम सब मिल-जुलकर प्रेम से रहें यही अच्छा है । तुम देख ही रही हो कि हम सब पक्षी आपस में कैसे भाई-चारे से रहते हैं । तुम्हारी बुरी आदत है कि तुम दूसरों में फूट डलवा सकती हो । कभी किसी की सहायता नहीं करतीं । यही कारण है कि कोई तुम्हारी सहायता नहीं करता ।’

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वाणी लोमड़ी की समझ में अपनी गलती आ रही थी । पर वह बोली– ‘रहने दे। अंगूर खट्टे हैं, मैं नहीं खाऊँगी ।’

चानी चिड़िया करने लगी– ‘नहीं मौसी ! अंगूर खट्टे तो नहीं हैं । अमरकण्टक वन के ये अंगूर तो दूर-दूर तक प्रसिद्ध हैं । तुम्हारे लिये मैं कुछ अंगूर गिराऊँगी। उन्हें खाकर देखना तब बताना कि ये कैसे हैं ? पर पहले वायदा करो कि तुम भी सबकी सहायता किया करोगी, सबके साथ प्रेम से रहोगी ।’

वाणी भी अपनी गलती समझ रही थी । उसने सभी के सामने प्रतिज्ञा की कि अब वह सभी से सज्जनता का व्यवहार करेगी । सभी के साथ मिल-जुलकर रहेगी, दूसरों की सहायता करेगी ।

उसकी इस प्रतिज्ञा की खुशी में हरियल तोता, चानी चिड़िया, चीनू बन्दर सभी ने पेड़ से खूब सारे अंगूर गिराये । बड़े ही मीठे थे अंगूर ! वाणी ने उन्हें चटखारे ले-लेकर खाया । जो बचे वह अपनी बहिन के लिये पोटली में बाँध लिये ।

पहले वाणी सभी से कहती थी कि अमरकण्टक वन के अंगूर बड़े खट्टे हैं। क्योंकि वह किसी भी तरह उनको पा नहीं सकती थी । अब वह सभी से कहती है कि ये अंगूर बड़े अच्छे हैं । सहयोग संगठन से वाणी के लिये खट्टे अंगूर भी मीठे बन गये ।

दोस्तों कैसी लगी Animal Story in Hindi अर्थात मीठे अंगूर कहानी आप सभी को। हमें उम्मीद है यह Animal Story in Hindi आप सभी को पसंद आयी होगी। दोस्तों ऐसे ही Hindi Kahani जैसी अनेकों कहानियां हमारे वेबसाइट पर उपलब्ध है उन्हें भी पढ़िए और यह कहानी कैसी लगी comment जरूर करें।

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