दोस्तों आज हम आप सभी के लिए एक New Short Story Hindi जो Lomdi Ki Kahani है। इसका शीर्षक “कपिला लोमड़ी ” है। इस कहानी में आपको लोमड़ी की घमंड का वर्णन मिलता है। इस Lomdi Ki Kahani में हमे लोमड़ी के अलावा बिल्ली, मुर्गी, खरगोश तथा भालू जैसे जानवरों का भी वर्णन मिलता है। तो दोस्तों आप सभी इस Lomdi Ki Kahani को पढ़िए और अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को शेयर करिए।
कपिला लोमड़ी
Lomdi Ki Kahani Hindi
अमरकण्टक वन में कपिला नाम की एक लोमड़ी रहती थी । वह बड़ी ही चालाक और घमण्डी थी । खरगोश, चूहे, मुर्गी, मेमनों आदि को वह मार कर खा जाया करती थी । वह बड़ी फुर्तीली थी, इसलिये तुरन्त शिकार कर लेती थी ।
एक दिन कपिला ने कई मुर्गियाँ मारीं । कुछ मुर्गियाँ उसने खा लीं । जब उसका पेट भर गया तो बची हुई मुर्गियाँ लेकर वह बरगद के पेड़ के पास पहुँची । वहाँ उसने जमीन में गड्ढा खोदा और वे सब बची मुर्गियाँ उसमें दबा दीं ।
चंचल गिलहरी पेड़ पर से कपिला की ये सारी हरकतें देख रही थी । जैसे ही कपिला चलने को हुई वह तुरन्त पेड़ से उतरी और बोली– ‘कपिला दीदी ! बुरा न मानना । तुम तो कहती हो कि तुम बहुत शक्तिशाली हो, पर तुम शिकार करती हो इन छोटे-छोटे निरीह प्राणियों का । सिंह दादा की तरह तुम भी बड़े-बड़े जानवरों को मारो, तब जानूँ तुम्हारी शक्ति । अपने से छोटों को तो सताना बहुत सरल होता है ।”
चंचल की यह बात कपिला लोमड़ी को काफी चुभ गयी । वह घमण्ड में अकड़ कर बोली– ‘अरी चंचल ! मैंने बड़े-बड़े जानवरों का शिकार किया है तुझे क्या पता। ‘बहुत शक्ति है मेरी इन भुजाओं में।’ वह गर्व से अपनी भुजाओं को अकड़ाते हुए बोली।
‘तो फिर अपनी इस शक्ति का प्रदर्शन सभी के सामने करो न किसी दिन ।’ चंचल ने उसे भड़काया ।
चंचल और कपिला बात कर रही थीं कि तब तक कहीं से कल्लू गधा, लालू बन्दर, श्यामा चिड़िया आदि बहुत से अन्य जानवर भी इकट्ठे हो गये थे। शालू बन्दर बड़ा चंचल था । लोमड़ी से बोला- ‘तो फिर मौसी कब दिखाओगी अपनी कुशलता ?’
“अब कपिला लोमड़ी अपनी बात से कैसे पीछे हट सकती थी क्योंकि लोमड़ी के मुँह से बात भरी पंचायत में निकल चुकी थी। सहसा उसके दिमाग में एक युक्ति सूझी । वह | बोली- ‘अभी तो मैं अपनी बहिन के घर जा रही हूँ । आज से ठीक एक महीने बाद इसी वृक्ष के नीचे अपनी शक्ति दिखाऊँगी ।’
सभी जानवर वहाँ से तितर-बितर हो गये । लालू बन्दर सभी के घर जाकर यह बात बता आया ।
कपिला लोमड़ी उसी दिन पास के जंगल में चली गयी । वहाँ भासुरक सिंह रहता था। शिकार करने में वह बड़ा कुशल था । कपिला उसकी गुफा के पास जाकर छिप गयी । वह बड़े ध्यान से देखती रहती थी कि सिंह अपने बच्चों को किस प्रकार से शिकार करना सिखाता है ।
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कपिला ने ध्यान दिया कि सिंह शिकार के लिये सबसे पहले जानवरों की गर्दन पर झपटता है । कपिला ने सोचा बड़े जानवरों का शिकार करने का यही तरीका है । सिंह के पंजे की एक बड़ी चोट से बड़े जानवरों को गिरा देता था । | कपिला सोचने लगी कि यह तरीका तो बड़ा सरल है । मैं भी अब बड़े-बड़े जानवरों को मार सकती हूँ ।
बड़े ही आत्म-विश्वास के साथ निर्धारित समय पर कपिला बरगद के पेड़ के नीचे पहुँची । वहाँ लालू बन्दर और चंचल गिलहरी ने बहुत से जानवरों को इकट्ठा कर रखा था ।
दूर से हाथी दादा को आता देखकर लालू बन्दर बोला– ‘तो कपिला दीदी ! अब हाथी दादा का ही शिकार करके दिखाओ ।’
‘ठीक है, ठीक है ।’ अपने मुँह को कुछ फुलाती हुई कपिला लोमड़ी बोली ।
हाथी जैसे ही पास आया, कपिला ने उसके मस्तक पर बार किया । हाथी ने अपनी सूँड़ बढ़ाई और लोमड़ी को जमीन पर दे पटका । लोमड़ी कराह उठी । उसकी दो-चार हड्डियाँ टूट गर्यो । कमर को सहलाती हुई कपिला बड़ी | मुश्किल से उठी ।
‘हाथी दादा की जय’ ‘हाथी दादा की जय के नारों से सारा जंगल गूँज उठा ।
कुल्लू गधा बोला– ‘देखा कपिला दीदी ! घमण्डी को कैसा फल मिलता है ?’
लालू बन्दर बोला– ‘तुम्हें सबक इसलिये दिया गया है कि तुम छोटे प्राणियों को बहुत मारने लगी हो । खाती हो फिर बचे हुओं को गाड़ भी देती हो । आज से तुम कीड़े-मकोड़े खाया करोगी ।’
चंचल गिलहरी कह रही थी– ‘कपिला दीदी ! देखा तुमने कि आवेश में काम करने का क्या फल मिलता है । हमें हर स्थिति में शान्ति और विवेक से काम लेना चाहिये । तनिक-सी बात पर उत्तेजित हो जाना मूर्खता की निशानी है । इस मूर्खता से दूसरों की कम और अपनी हानि अधिक होती है ।
कपिला लोमड़ी सिर झुकाये हुए चंचल गिलहरी की बात सुन रही थी । वह सोच रही थी कि ये सब ठीक कह रहे हैं ।
अब कपिला लोमड़ी अपनी शक्ति के घमण्ड में जानवरों को नहीं सताती। वह स्वभाव को भी संतुलित रखती है । बात-बात में उत्तेजित नहीं होती ।
तो दोस्तों कैसी लगी यह Lomdi Ki Kahani आप सभी को। हमे उम्मीद है यह Lomdi Ki Kahani आप सभी को जरूर पसंद आयी होगी। दोस्तों ऐसे ही और अनेक कहानियां हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध है जरूर पढ़े और यह कहानी कैसी लगी comment करके जरूर बताएं।