आज हम आपको एक Very Short Motivational Story in Hindi for Kids बताएंगे जो कि बच्चो के लिए बहुत ही अच्छी और शिक्षाप्रद कहानी है जिसका शीर्षक है भरोसे की जीत। यह कहानी आप सभी को जरूर पसंद आएगी इस कहानी को पढ़े और दूसरो को भी share करें।
भरोसे की जीत
(Very Short Motivational Story in Hindi for Kids)
पायल छोटी सी प्यारी लड़की थी। वह अपनी माँ और छोटे भाई के साथ असम के चाय बागानों में रहती थी। पायल का भाई सूरज अकेला पुरुष था। पर उसकी उम्र सिर्फ दस साल थी। माँ चाय बगान में चाय के पत्ते तोड़ने का काम करती थी।
बचपन में ही उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। दस वर्ष का सूरज और सात साल की पायल बागान के स्कूल में पढ़ते थे। जब पायल की पढ़ाई खत्म हो जाती तो वह माँ की मदद करती।
माँ की मदद करते वक्त पायल की खुद पर बड़ा गर्व महसूस होता था। वह सोचती की यह चाय की पत्ति देश-विदेश कहाँ-कहाँ पहुँचती होगी। किसी महिला के चाय का प्याला बनेगी घर पहुंचेगी या मेरी जैसी किसी छोटी लड़की के घर पहुंचेगी।
पायल का घर बस्ती से जरा सा बाहर था। जहाँ एक नदी कल-कल करती बहती थी। मानो खिल-खिलाकर हंस रही हो। कभी-कभी दोनों भाई-बहन मछली पकड़ते। उस दिन रात का भोजन बढ़िया बनता।
सूरज ने घर के पास ईख के कुछ पौधे लगाए थे। भाई बहन उन पौधों का खूब ध्यान रखते थे। सूरज कल्पना करता और कहता की जब ये बड़े हो जाएँगे तो हम इन्हे बाजार में बेच कर उन पैसो से नववर्ष पर मिठाइयां खरीदेंगे।
एक बार बच्चो से मिलने उनके मामा आए, तो उन्होंने कहा की , “ईख बढ़िया है। गणपति से सावधान रहना उसे ईख बहुत पसंद है। “
बागान में काम करने वाले सभी लोग गणपति से डरते थे। बागान के पास ही घना वन था। वन में कई तरह के जानवर रहते थे। हिरन, बाघ ,भालू, इत्यादि कितने ही प्रकार के जानवर।
दरअसल वन में हाथियों का एक झुण्ड था। जो भोजन के लिए बागान में आ जाते थे। मजदुर उन्हें गणपति कहते थे। ये हाथी चाय के कीमती पौधों को बहुत हानि पहुंचाते थे। जानवर आग से डरते है इसलिए मजदुर मशाल जलाकर उन्हें दूर भगाते थे।
पायल और सूरज ने भी ऐसी ही मशाल बनाई थी की जब हाथी आएं तो वह उन्हें भगा दे।
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कुछ दिनों में ईख पककर तैयार हो गई। बच्चे बहुत खुश थे। एक दिन पायल घूमते हुए नदी के पास पहुंची। दिन सुहावना था। वातावरण शांत था। अचानक पायल ने एक आवाज सुनी उसे पता था की यह आवाज गणपति की है। उसने देखा नदी के पार वह विशालकाय पशु खड़ा था। वह ललचाई नजर से ईख के पौधों को देख रहा था।
पायल को मशाल याद आई जो उन्होंने ऐसे ही मौके के लिए बनाई थी। वह दौड़ के घर गई मशाल लिया। पर माचिस उसे नहीं मिल रही थी। उसने देखा गणपति चला आ रहा था। वह डर गई की इतने दिनों की मेहनत कुछ ही देर में बरबाद हो जाने वाली थी।
पायल ने सोचा अगर वह गाने लगे तो शायद वह उसकी बात मान ले। मामा कहते है कि गणपति सब समझता है। वह ताली बजाकर गाने लगी।
वन के राजा , गणपति दादा
डर से है सब झुकते
शेर-बाघ सब तुमसे दबते
तुम सबसे अलग हो लगते
ईख हमारी छोड़ जाओ
जंगल में बढ़िया भोजन पाओ।
गणपति के कान फड़क उठे। वही रुक गया। वह वापस मुड़ा। वह ईख को ललचाई नजरों से बार-बार देखते हुए जंगल में गायब हो गया।
पायल की माँ ने हाथी को वापस जाते देख लिया था उसने ख़ुशी से पायल को गले लगा लिया। बोली, “मेरे प्यारे बच्चे ! दोनों बहादुर दोनों अच्छे !”
सूरज स्कूल से घर लौटा तो वह भी बहुत खुश हुआ। उसे पायल पर गर्व था। गांव के लोगो को भी इस घटना का पता था। वे भी प्रसन्न थे। अगले दिन बच्चो ने ईख काटी। पायल ने एक बड़ी सी ईख जंगल जहाँ से शुरू होता था वहां रख दिया। “यह गणपति के लिए है ” बोली।
शाम को जब सूरज, पायल माँ के साथ थे तब उन्होंने हाथी की चिंघाड़ सुनी। बच्चो ने खुश होकर माँ से कहा, “गणपति हमे गन्ने के लिए धन्यवाद दे रहा है। “
तो कैसी लगी यह Very Short Motivational Story in Hindi for Kids आप सभी को। उम्मीद करते है यह कहानी आपको जरूर पसंद आयी होगी। ऐसे ही Short Motivational Story in Hindi for Kids के लिए हमारे वेबसाइट पर आते रहे।
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