पुरानी दुश्मनी | Rochak Kahani Hindi

आज हम आपको एक Majedar Rochak Kahani हिंदी में बताएंगे। ये कहानी का शीर्षक पुरानी दुश्मनी के रूप में है। यह कहानी कुत्ते और बिल्ली जो कि हमेशा से एक दूसरे के प्रति उनका व्यवहार खतनाक होता है। इस दुश्मनी पर एक Rochak kahani के रूप में आपको बताने जा रहे है। इस पुरानी दुश्मनी जैसी rochak kahani आप सभी पढ़िए और दुसरो को भी शेयर करिए।

पुरानी दुश्मनी

( Rochak Kahani Hindi )

लालू की रसोई में उस दिन खूब हंगामा हुआ। पापा अलग चीख रहे थे। मम्मी का तो डर के मारे बुरा हाल था। बेबी बस यही कहकर लगातार रोये जा रही थी कि, “हाय, मम्मी शेरू बिल्ली को मार डालेगा। “लालू बहुत ध्यान से शेरू और काली बिल्ली के होने वाले आक्रमण के इंतजार में खड़ा था।

अकेले बड़े भइया बीच-बचाव में जुटे थे। वे किसी भी तरह शेरू को पकड़ लेना चाहते थे। पर आज शेरू को पकड़ पाना आसान न था। गुस्से से भरा हुआ शेरू बहुत खूंखार लग रहा था। हुआ ये कि उस दिन रसोई की खिड़की खुली रह गई थी और काली बिल्ली चुपके से रसोई में घुस आई। अभी उसने रसोई में खोज बीन शुरू ही की थी कि शेरू को महक लग गई और बाहर के बरामदे से उछलता-कूदता शेरू रसोई में जा पहुंचा। शेरू ने जोर-जोर से भूंकना शुरू किया।

सबसे पहले पापा रसोई में भागे-भागे आये देखा बर्तन रखने वाले स्लैब पर काली बिल्ली चढ़ी बैठी है। और शेरू उसे देखकर बेतहाश भूंके ही चले जा रहा है। बिल्ली भी शेरू को देखकर गुर्रा रही थी। पापा ने शेरू को वहां से हटाना चाहा पर शेरू को हटाना आज इतना आसान न था। आज शेरू पर पापा की डांट का भी असर नहीं हो रहा था। इतने में बड़े भइया जंजीर लेकर आए और जैसे ही उन्होंने शेरू के गले में जंजीर डालनी चाही , काली बिल्ली नीचे कूदी और शेरू ने झपट कर उसकी गर्दन को मुँह में दबोच लिया। अब तो मामला और भी संगीन हो गया।

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पापा बड़े भइया को डांट रहे थे कि तुम्हारी वजह से बिल्ली नीचे कूदी। मम्मी अलग चीख रही थी। “शेरू, बिल्ली को छोड़ दो नहीं तो तुम्हारी बहुत पिटाई होगी। ” बेबी दहाड़ मार के रोए जा रही थी। “हाय रे शेरू बड़ा ही हत्यारा है ! बिल्ली को मार डालेगा। “और लालू जी बड़े ध्यान से ये देख रहे थे यद्यपि बिल्ली की गर्दन को शेरू मुँह में दबोचे था लेकिन बिल्ली भी अपने को शेरू के मुँह से अलग करने के लिए पंजे से उसके ऊपर वार कर रही थी।

रसोई घर में खून की धार बह रही थी। बड़े भइया झपट-झपट कर बाबू जी की छड़ी उठा लाए। और उसके ऊपर वाले हिस्से से जिसे लालू घोड़ा बना कर खेलता है उसी में शेरू की गर्दन फंसा कर जो खींचा तो बिल्ली शेरू के मुँह से अलग हो गई। पापा ने झपट कर शेरू को जंजीर में बांध दिया। शेरू का गुस्सा से बुरा हाल था। उसके नथुने बुरी तरह फूल रहे थे , गुस्से से उसके पीठ के बाल खड़े हो गए थे। दुम बुरी तरह हिल रही थी और अभी भी वो गुर्रा रहा था।

घायल बिल्ली बड़ी मुश्किल से खिड़की तक पहुँच पाई और वहां से नीचे उतर गई। बेबी घायल बिल्ली के लिए अभी भी रो रही थी। लालू बोला, “तू बिना बात के रोए जा रही है। अरे, बुद्धू ये तो सोच की अपना शेरू कितना बहादुर है, उस चोर बिल्ली की जो उसने खबर ली है कि अब उसकी कभी हिम्मत नहीं पड़ेगी कि हमारे घर आए। “

बेबी तुनकती हुई बोली, “चल हट, बड़ा आया मुझे बुद्धू कहने वाला , शेरू क्या भूंक कर नहीं बिल्ली को भगा सकता था। उसे इस बुरी तरह काटने की क्या जरुरत थी। “

बाहर से बड़े भइया ने लालू को आवाज दी, “लालू, जरा डिटोल और रुई लेकर आना….” लालू बोला, “देखा उस चोर बिल्ली की करतूत , एक तो चोरी करने आई थी। ऊपर से हमारे शेरू को भी काट गई….”

बेबी चीखी, “हाय, अपने शेरू को भी चोट आई क्या ?” लालू बेबी की चुटिया खींचता हुआ बोला, “नहीं, बिल्ली से तो तू लड़ रही थी तुझे चोट आई है। “

इधर मम्मी बेबी को आवाज दे रही थी। ” बेबी, बेटे अलमारी से विम का डिब्बा लेकर दे, देख सारे बर्तनों पर खून के छींटे पड़े है। “

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शेरू की नाक पर काली बिल्ली ने हो झपट्टा मारा था उससे काफी खून बह रहा था। बड़े भइया शेरू की मरहम पट्टी करने में लगे थे। और पापा शेरू को डांटे चले जा रहे थे… “बड़ा हीरो बनने चला था… भूंक कर भी बिल्ली को भगा सकता था लेकिन बिना खून खराबा किए भला चैन नहीं मिलता, अब भोग अच्छी तरह से। “

शेरू का गुस्सा अब शांत था। शायद उसकी नाक में ज्यादा दर्द हो रहा था। इसीलिए चुपचाप खड़ा होकर मरहम पट्टी करा रहा था। लालू ने शेरू को दूध लेकर दिया। बेबी बोली, “ये बिस्कुट भी खिला दो खाना तो खा नहीं सकेगा। ” बड़े भइया बोले, “शाम को इसे लेकर अस्पताल जाऊंगा , कही घाव पक न जाए…. एकाध इंजेक्शन लग जायेगा तो ठीक रहेगा…”

पापा का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ था। बोले, “कोई जरुरत नहीं साले को भोगने दो , बड़ा हीरो बनने चला था। ” लेकिन बड़े भइया जानते है कि पापा जितनी सख्ती से बोलते है उनका दिल उतना ही नरम है। और थोड़ी देर में पापा बड़े भइया को दस का नोट थमाते हुए बोले, “विन्नी, ये लो, शाम को इसे डॉक्टर को दिखा ही आना…”

पापा फिर आकर पलंग पर लेट गए और बड़बड़ाने लगे, “एक इतवार का दिन मिलता है उस दिन भी आराम नसीब नहीं। ” पापा के लेटते ही बेबी और लालू आ गए और पापा के बगल में लेटते हुए बोले, “पापा, अब कहानी पूरी कीजिए…. ” पापा ने झुंझलाकर कहा, “चलो जाओ खेलो मुझे आराम करने दो। “बेबी बोली, “लेकिन पापा, पहले वो कहानी तो पूरी कीजिए ” लालू बोला , हमे कहानी नहीं सुननी… आप तो हमे ये बताइये कि ये जानवर एक दूसरे के इतने दुश्मन क्यों होते है…..?”

Rochak kahani – पुरानी दुश्मनी
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पापा ने टालते हुए कहा, “अरे भाई , ये भी कोई बात हुई…. जानवर जानवर है, एक दूसरे के दुश्मन नहीं होंगे तो क्या गले में हाथ डाल कर बैठेंगे ….. ” लालू ने जिद्द करते हुए कहा, “नहीं पापा, ऐसे ही कह रहे है …. एक बार आप ही ने तो कहा था, कि एक जमाना ऐसा भी था जब जानवर आपस में मिलकर रहते थे …. ” बेबी बोली, “और हां … आपने ये भी कहा था कि इस बारे में एक मजेदार कहानी आप हमे सुनाएंगे….”

पापा ने तंग होते हुए कहा, “तुम लोगो से पीछा छुड़ाना इतना आसान नहीं है … अच्छा सुनो कहानी– बात उस समय की है जब सचमुच ही सभी जानवर एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। सभी को एक दूसरे पर विश्वास भी था। एक दिन पास वाले गांव से कुत्तों के लिए आमंत्रण आया। रिश्तेदारी का मामला था कुत्तों का जाना जरूरी था। लेकिन कुत्तों के आगे एक समस्या थी कि उनके दस्तावेजों का क्या होगा।

अगर इन जरूरी दस्तावेजों को यूं ही छोड़कर चल देते ,तो कोई भी उन्हें नष्ट कर सकता था। ऐसी कोई सुरक्षित जगह भी नहीं थी जहाँ दस्तावेजों को रखा जाता। बूढ़े कुत्ते ने कहा, “बिल्ली के घर रखवा दो , आखिर वो हमारी पड़ोसिन है, इतनी जिम्मेदारी तो निभाएगी ही। ” कुछ नौजवान कुत्तों ने मुस्कुराते हुए कहा, “वाह, दादा, आपने भी क्या बात की जो खुद अपना खाना चुराकर खाए उस पर भला क्या विश्वास किया जा सकता है। “

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बूढ़े कुत्ते ने मुस्कुराते हुए कहा, “जनाब, गलत तो आप नहीं कह रहे है, लेकिन क्या मौका लगने पर हम हाथ नहीं साफ करते, फिर बिल्ली हमारी पड़ोसिन है, अगर हम उस पर विश्वास न करके किसी और को देंगे तो, क्या बिल्ली को बुरा नहीं लगेगा। “

बूढ़े कुत्ते की बात सभी को बहुत अच्छी लगी। दस्तावेजों को बिल्ली के पास रख दिया गया। बिल्लियों ने दस्तावेज रख तो लिए लेकिन उसकी सुरक्षा का प्रश्न उनके सामने भी था। अगर कही दस्तावेज चोरी चले गए या नष्ट हो गए तो उनकी कितनी बदनामी होगी। बिल्लियों ने उन्हें घर के एक पुराने बक्से में बंद कर दिया, और बारी-बारी से बैठकर वहां पर पहरा देने लगीं।

दिन बीतने लगे कुत्तो के लौटने का कोई समाचार नहीं मिला। आखिर सर्दिया आ गई। सर्दियों में पूरी रात जाग कर पहरा देना आसान न था। बिल्लियों के आगे अब बड़ी भारी समस्या थी, कि दस्तावेजों की कैसे रखवाली हो। एक बूढ़ी बिल्ली ने कहा, “चूहे, जमीन में काफी गहराई में रहते है। वे रात में सोते भी नहीं है वे ही इन दस्तावेजों की निगरानी अच्छी तरह कर सकते है। बिल्लियां दस्तावेजों को लेकर चूहों के पास गई। चूहों ने उन्हें अपने पास रखना स्वीकार कर लिया। चूहों ने उन दस्तावेजों को बिल के एक कोने में रख दिया, और निश्चिंत हो गए। वे जानते थे कि अब यहाँ कोई खतरा नहीं हो सकता।

लेकिन कुछ दिन बाद सर्दी और बढ़ी। ठंड से सबका बुरा हाल होने लगा। जमीन के अंदर गहराई में बने उस बिल में भी चूहे ठंड से कांपने लगे। उन्हें ठंड से बचने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। तभी एक दुष्ट चूहे की नजर उन दस्तावेजों पर पड़ी।

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उसने सोचा, क्यों न हम इन कागजों में ही अपना घर बना ले , इन पर दुबक कर बैठने पर सर्दी बिलकुल नहीं लगेगी। सब चूहे दस्तावेज में जा छुपे, वहां उन्हें गर्माहट मिली और सर्दी से भी बचाव हुआ। लेकिन जब कई दिन बीत गए और सर्दी से बचाव कम हुआ तो चूहों ने कागजों को कुतर-कुतर कर खाना शुरू किया, और धीरे-धीरे सारे कागज कुतर डाले।

सर्दियाँ बीती तो कुत्ते लौटे। वे सीधे बिल्लियों के पास अपने दस्तावेज मांगने पहुंचे। बिल्लियां कुत्तो को लेकर चूहों के पास पहुंची लेकिन वहां पहुंचकर जब उन्होंने कागजों की चिंदिया देखी तो वे क्रोध से आग बबूला हो उठी। उन्होंने चूहों पर हमला बोल दिया। इधर कुत्ते भी अपने क्रोध पर काबू नहीं पा सके और उन्होंने भी बिल्लियों की गैर जिम्मेदारी के कारण उन्हें वो खदेड़ा कि आज तक …..”

लालू बोला …..”तभी आज अपने शेरू को पुराने दस्तावेज याद आ गए। ”

तो कैसी लगी यह पुरानी दुश्मनी जैसी rochak kahani आप सभी को। इस कहानी के माध्यम से हम आपका मनोरंजन करने का एक छोटा कहानी के रूप में आपको बिल्ली और कुत्ते की बीच की दुश्मनी का कहानी रूपी चित्रण किया है। उम्मीद करते है यह Hindi Rochak kahani आपको जरूर पसंद आएगी। ऐसे ही rochak kahani hindi में पढ़ने के लिए हमारे वेबसाइट में आते रहे।

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