वफादार नेवला | Saap Aur Nevla Ki Ladai

दोस्तों आज हम आपको एक बहुत ही अच्छी कहानी Saap Aur Nevla Ki Ladai wali kahani बताएंगे। ये कहानी वफादार नेवले की है। यह नेवला सापों से लड़कर अपनी वफादारी का एक सबूत बताता है। तो चलिए आप सभी इस nevla aur saap ki ladai की कहानी का आनंद लीजिए।

वफादार नेवला

(Saap Aur Nevla Ki Ladai)

दोस्तों ! पुराने लोग कहते आये है कि कोई काम करने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह सोच लेना चाहिए। इसका मतलब यह है कि बुद्धिमान व्यक्ति, प्रत्येक काम करने से पहले उसके होने वाले परिणाम के विषय में सोच लेता है यदि वह स्वयं उसके परिणाम के बारे में नहीं जान पाता, तो अपने से अधिक अनुभवी तथा समझदार बुजुर्ग से पूछ लेता है और तभी उस काम को करता है जब उसको पूरा विश्वास हो जाता है कि इस काम के करने से उसको पछताना नहीं पड़ेगा।

जो व्यक्ति भली प्रकार सोच-समझकर काम नहीं करता, उसको हमेशा दुःख उठाना पड़ता है, इसलिए कहा गया है कि आगे की ओर छलांग लगाने से पहले देख लो कि कहीं छलांग के बाद तुम कुएं में न गिर पड़ो। इसी सावधानी को बुद्धि कौशल कहा गया है।

दोस्तों ! आदमी अगर एक भी कदम असावधानी के साथ उठा लेता है अथवा परिणाम को विचारे बिना काम कर डालता है, तो उसको आजीवन हाथ मलने पड़ते है।

दोस्तों , इस सिद्धांत को एक किसान तथा नेवला की कहानी के द्वारा बहुत अच्छी तरह स्पष्ट किया गया है।

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दोस्तों ! कहते है कि एक नदी के किनारे एक गांव था। उस गांव में, गंगाराम नाम का एक किसान रहता था। एक दिन, जिस समय वह अपना खेत काट रहा था, तब उसको एक मादा नेवला दिखाई पड़ी। वह अपने बच्चे को दूध पिला रही थी। जब उसने गंगाराम और उसके हाथ में हंसिया देखा तो वह मारे डर के भाग गई। माँ के भाग जाने पर बच्चा भूख से चीखने और तड़प-तड़पकर व्याकुल होने लगा। किसान उस नेवला शिशु की तड़पन न देख सका और उसको अपने घर ले आया।

दोस्तों ! घर लाकर किसान ने नेवला शिशु को दूध पिलाया। पेट भर जाने पर नेवला शिशु उछलने तथा खेलने लगा। धीरे-धीरे वह बड़ा होता गया और किसान का मित्र बन गया। किसान के घर में, जब कभी कोई सांप निकलता, नेवला दौड़कर उसको मार डालता। इस पर किसान बहुत खुश होता।

दोस्तों ! एक दिन, किसान के घर में, एक विषैला सांप निकल आया। नेवला उस पर झपटा, वह भी नेवले की झपट बचाकर नेवले की ओर लपका, पर नेवला उछलकर दूर पहुँच गया। और वहां से सांप की गति को देखने लगा।

Saap Aur Nevla Ki Ladai

Nevla Aur Saap Ki Ladai

सांप ने समझ लिया कि उसका दुश्मन भाग गया और वह किसान के घर के भीतर खिसकने लगा। नेवला ने उसका इरादा समझ लिया और दौड़कर उस पर प्रहार कर दिया। सर्प ज्यों ही मुड़कर उस पर झपटने के लिए तैयार हुआ कि नेवला ने तेजी के साथ दूसरी ओर झपटकर उस पर दूसरा वार कर दिया और इस प्रकार धीरे-धीरे सर्प को मार डाला।

दोस्तों ! किसान और उसकी पत्नी दोनों ने नेवला और सांप का यह युद्ध देखा और वे अपने पालतू नेवला के साहस तथा कौशल पर प्रसन्न होने लगे। अब तो नेवला उनके जीवन का अभिन्न साथी बन गया। किसान जब हल चलाता तब नेवला उसके पीछे-पीछे चलता।

एक दिन किसान अपने हल तथा बैलों के साथ खेतों पर चला गया और नेवले को अपने पुत्र के साथ खेलने के लिए घर पर छोड़ गया। नेवले से खेलते-खेलते उसका बेटा सो गया था।

दोस्तों ! बालक को सुलाकर किसान की पत्नी पानी भरने के लिए कुएं पर चली गई और नेवला बच्चे के पलंग के पास बैठा रहा। थोड़ी देर बाद, एक कला सांप आकर बच्चे की ओर बढ़ने लगा। नेवले ने उसका इरादा समझ लिया और वह उस पर झपट पड़ा थोड़ी देर में, उसके टुकड़े-टुकड़े करके नेवला बच्चे के पास बैठ गया।

Saap Aur Nevla Ki Ladai

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किसान की पत्नी ज्यों ही पानी का घड़ा लेकर घर में घुसी, त्यों ही नेवला अपनी स्वामि-भक्ति तथा बहादुरी दिखाने के लिए उसकी ओर दौड़ा। किसान महिला ने नेवला का खून से सना मुँह देखकर समझा कि इसने मेरे बच्चे को काटकर खा लिया है और उसने बिना सोचे-समझे तथा देखे-भाले अपने सर का पीतल का घड़ा नेवले के ऊपर पटक दिया और वह दौड़कर बेटे के पलंग के पास पहुंची।

दोस्तों ! वहां जाकर उसने देखा कि उसका बच्चा हँसता-खेलता हाथ पैर फेंक रहा है और उसके पास एक सांप के कई टुकड़े पड़े है। तब उसने अपनी भूल समझी और सिर पीटकर रोने लगी।

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दोस्तों , बिना सोचे विचारे जब कोई काम किया जाता है, तब सबको पछताना पड़ता है और संसार में उसको मुर्ख कहा जाता है।

तो दोस्तों कैसी लगी आपको ये Saap Aur Nevla Ki Kahani वफादार नेवले की कहानी आप सभी को। यह Saap Aur Nevla Ki Ladai वाली कहानी से हमे पता चलता है कि बिना कुछ सोचे-समझे कुछ नहीं करना चाहिए। ऐसी ही मजेदार रोचक Saap Aur Nevla Ki Ladai जैसी कहानी पढ़नी है तो हमारे वेबसाइट पर आते रहे।

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