आज हम आपको एक नयी Very Small Story in Hindi कहानी जिसका शीर्षक एक ज्ञानी कई अज्ञानी है। यह कहानी राजा तथा बंदरो पर आधारित कहानी है। यह Very Small Story in Hindi आप सभी को जरूर पसंद आएगी। तो चलिए आप सभी इस Small Story in Hindi को पढ़िए और अपने दोस्तों को भी शेयर करिए।
एक ज्ञानी कई अज्ञानी
(Very Small Story in Hindi)
रूप नगर के राजा को बंदरो से बहुत प्यार था। उन्होंने तरह-तरह के बहुत से बन्दर पाल रखे थे। राजा बंदरो को तरह-तरह की चीजें खाने को देता। बन्दर भी राजा से बहुत प्रसन्न रहते, मौज में अच्छी-अच्छी चींजें खाते और उछल कूद करते। उन्हें कोई रोक टोक नहीं थी। राज महल में जानवरों के रहने के ही स्थान पर कुछ सुअर भी थे। सुअरों का एक बच्चा बहुत हठीला था।
वह बहुत उधम मचाए रहता। अक्सर राज महल के भंडारघर में घुस जाता। जो मिलता वो खा लेता, रखी हुई चीजों को बिखेर देता। उसके घुसते ही पुरे भंडार घर में उथल-पुथल मच जाती। रसोइया सुअर के बच्चे की इस आदत से बहुत दुखी था। रसोइया जब तब सुअर के उस हठीले बच्चे की खूब पिटाई करता। लेकिन सुअर का बच्चा अपनी आदत से बाज नहीं आता था।
बंदरों की टोली अक्सर सुअर के बच्चे का ये उत्पाद देखती, फिर रसोइये से सुअर के बच्चे का पिटते रहना भी देखती। एक दिन बंदरों की टोली का एक बूढ़ा बन्दर अपने साथियों से बोला– “दोस्तों, अच्छा हो हम राज महल छोड़ कर जंगल में चलें। ” सभी साथी बन्दर बूढ़े बन्दर का मजाक बनाने लगे “वाह बूढ़े बाबा, तुमने भी क्या अक्ल की बात की है। राजा हम सबको इतना चाहते है। यहाँ हम लोग चैन से रह रहे है। और तुम कहते हो कि हम लोग राज महल छोड़ दें। “
बूढ़े बन्दर ने फिर समझाने की कोशिश की और कहा, “बात दरअसल ये है कि रसोइया रोज सुअर के बच्चे को मारता है। “
बूढ़े बन्दर की ये बात सुनकर टोली के सभी बंदरों ने जोर का ठहाका लगाया , “बूढ़े बाबा, तुम तो पूरी तरह सठिया गए हो, रसोइया सुअर को मारता है, इससे हमे क्या नुकसान होगा ?”
बूढ़े बन्दर ने कहा, “तुम सब मेरी बात मान नहीं रहे हो। मैं तो तुम सब की आगे की हिफाजत की बात सोच रहा हूँ। रसोइया रोज सुअर के बच्चे को मारता है, फिर भी बेशर्म सुअर का बच्चा मानता नहीं है। एक दिन होगा ये कि रसोइया गुस्से से जलती हुई लकड़ी फेकेगा और सुअर का बच्चा भाग कर घुड़साल में छिपेगा। जलती हुई लकड़ी से घुड़साल की घास में आग लगेगी।
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घोड़े जख्मी हो जायेंगे। घोड़े राजा को प्राणों से भी प्यारे है। जले हुए घोड़ो के इलाज के लिए राजा राज वैद्य बुलाएगा। राजवैद्य जले हुए घोड़ो के घाव पर बंदरों की चर्बी लगाने को कहेगा फिर हम सबकी मौत निश्चित है। अच्छा यही है कि हम सब खतरा आए उससे पहले ही चल दे। “
टोली के बंदरो ने बूढ़े बन्दर का खूब मजाक बनाया। किसी को भी समझते न देख कर बूढ़ा बन्दर अकेला ही जंगल की ओर चला गया। सभी बन्दर ये सोचकर राजमहल में रहने लगे कि दुःख की झूठी कल्पना करके मिले हुए सुखो को छोड़ना मूर्खता है। बूढ़ा बन्दर यही सोचता रहा कि सुख के साधनों ने इन्हे आलसी बना दिया है। भला ये मेरी बात क्यों मानेंगे।
एक दिन घुड़साल का संरक्षक भागा -भागा राजा के पास आया, और बोला, “राजन, रसोइये ने सुअर के बच्चे को जलती लकड़ी से मारा है। जलती लकड़ी घुड़साल में रखी घास पर पड़ी और घास में आग लगने से पूरा घुड़साल आग की लपटों से धधक उठा है। घोड़ो को बचाने की बहुत कोशिश की है लेकिन कुछ घोड़े आग से जलकर जख्मी हो गए है। “
राजा घोड़ो के जल जाने की खबर से बहुत दुखी हुए। वे दुःख के मारे कुछ सोच भी नहीं पा रहे थे। तभी उनके महामंत्री ने कहा, “महाराज, राज वैद्य को बुलाना चाहिए। ” तुरंत ही राजवैद्य ने कहा, “सिर्फ एक ही दवा इन जख्मी पर असर करेगी। उसी से घोड़ो का जख्म ठीक हो सकेगा और वो है बंदरो की चर्बी। “
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राजा ने हुक्म दिया कि राज महल के सभी बंदरो को मरवा डाला जाए और उनकी चर्बी का लेप घोड़ो के जख्मो पर लगाया जाए। बंदरो की टोली ने जब ये खबर सुनी तो वे दंग रह गए। बूढ़े बंदर ने झूठ नहीं कहा था। लेकिन अब पछताने से कुछ हो भी नहीं सकता था। बहुत से अज्ञानी मिलकर भी एक ज्ञानी का मुकाबला नहीं कर सके थे।
तो कैसी लगी यह Very Small Story in Hindi एक ज्ञानी कई अज्ञानी आप सभी को। यह कहानी हमे बताती है कि बड़ो की बात जरूर माने क्योकि वे अनुभवी होते है और ज्ञानी भी। उम्मीद है यह Very Small Story in Hindi आप सभी को अच्छी लगी होगी। ऐसे ही Very Small Story in Hindi के लिए हमारे वेबसाइट में आते रहे।
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