दोस्तों आज हम आप सभी के लिए Shivaji Maharaj Story in Hindi लेकर आये है। यह कहानी Chhatrapati Shivaji Maharaj पर आधारित है। इस Shivaji Maharaj Story in Hindi में आपको शिक्षा की प्राप्ति होगी। तो दोस्तों आप सभी Chhatrapati Shivaji Maharaj की यह अनोखी कहानी को पढ़िए और share करिए।
अनोखी उदारता
(shivaji maharaj story in hindi)
महाराज छत्रपति शिवाजी अपने कक्ष में सो रहे थे। आधी रात बीत चुकी थी। धीरे-धीरे एक किशोर बालक ने उनके कक्ष (कमरे) में प्रवेश किया। उस किशोर बालक के हाथ में नंगी तलवार थी। शिवाजी महाराज के पास खड़ा होकर वह उनकी ओर देखने लगा।
Chhatrapati Shivaji Maharaj Story in Hindi
महाराज शिवाजी गहरी नींद में सो रहे थे। किशोर बालक ने सोचा–
” क्या तलवार चला दू? अवश्य ही मुझे धन मिलेगा। मेरी गरीबी दूर हो जाएगी।”
बालक ने तलवार ऊपर उठाई। तलवार अभी ऊपर ही थी कि पीछे से उसे किसी ने पकड़ लिया। किशोर बालक डर गया। उस आदमी ने जोर से कहा–
” हत्यारा ।”
शिवाजी की नींद टूट गई। वे उठकर बैठ गए। उन्होंने देखा कि ताना जी ने एक बालक को पकड़ रखा है। ताना जी शिवाजी के सेनापति थे। शिवाजी कुछ पूछते उससे पहले ही ताना जी बोल उठे–
“महाराज! यह किशोर बालक आपकी हत्या करना चाहता था। मैंने इसे तलवार उठाते पकड़ा है।”
उस किशोर बालक के हाथ में तलवार थी। वह चुपचाप खड़ा था और कुछ सोच रहा था।
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महाराज शिवाजी ने उसकी ओर देखा और पूछा–
“तुम कौन हो बालक?”
बालक ने उत्तर दिया–
“मेरा नाम मालो है, महाराज । ”
शिवाजी ने फिर प्रश्न किया–
“तुम यहाँ किस लिए आए थे?”
बालक ने उत्तर दिया–
” आपकी हत्या करने के लिए महाराज।”
बालक निर्भय था । शिवाजी ने किशोर बालक को आश्चर्य से देखा। फिर पूछा–
“क्या तुम जानते हो, इसका क्या परिणाम हो सकता है ?”
बालक ने उत्तर दिया–
“जानता हूँ महाराज ! पकड़े जाने पर मृत्यु । ”
Chhatrapati Shivaji Maharaj Story in Hindi
शिवाजी ने फिर पूछा–
“तुम मेरी हत्या क्यों करना चाहते हो, मालो? क्या तुम्हें अपने प्राणों का मोह नहीं है?”
बालक ने उत्तर दिया–
“बिल्कुल नहीं महाराज! जब बूढ़ी माँ चारपाई पर दम तोड़ रही हो तो फिर प्राणों का मोह कैसा?”
शिवाजी ने फिर प्रश्न किया–
“पर मेरी हत्या से इसका क्या सम्बन्ध है, मालो?”
बालक ने उत्तर दिया–
“बहुत सम्बन्ध है, महाराज । आप ही इसके कारण हैं। मेरे पिताजी आपकी सेना में नौकर थे। उन्होंने आपकी सेवा करते-करते अपने प्राण त्याग दिए। अब हम माँ-बेटे दोनों का इस अंसार में कोई सहारा नहीं। माँ कई दिन से बीमार है। तीन-चार दिन से उसे एक दाना भी खाने को नहीं मिला। “
किशोर बालक मालो की आँखों में आसूं आ गए।
शिवजी ने फिर प्रश्न किया —
“पर मेरी हत्या करने से तुम्हारी माँ को भोजन कैसे मिल सकता था, मालो ?”
मालो ने उत्तर दिया —
Chhatrapati Shivaji Maharaj Story in Hindi
“मिल सकता था , महाराज ! मुझे आपके शत्रु सुभान राय ने भेजा है। उसने कहा था कि यदि मैं आपकी हत्या कर दूँ तो वह मुझे बहुत-सा धन देगा।”
शिवजी चकित थे और मालो भी उनके सामने सिर झुका कर खड़ा था , अब तक ताना जी चुप थे। उन्होंने कहा —
“तो अब तू मरने के लिए तैयार हो जा। भगवान् की दया से मैं यहाँ पहुँच गया , नहीं तो आज तू …… । “
मालो ने उत्तर दिया —
“मैं मौत से नहीं डरता , ताना जी। लेकिन……। “
शिवाजी ने पूछा–
“लेकिन क्या ?”
मालो ने उत्तर दिया–
“मरने से पहले मैं एक बार अपनी माँ को देखना चाहता हूँ, महाराज! मैं जाने की आज्ञा चाहता हूँ। सवेरा होने तक मैं स्वयं अवश्य आ जाऊँगा।”
शिवाजी ने कहा–
“अगर तुम न आए तो?”
बालक मालो ने दृढ़ता के साथ उत्तर दिया–
“मैं राजपूत हूँ, महाराज! राजपूत अपने वचन को पूरा करते हैं, जो कहते हैं उस पर पक्के रहते हैं।”
शिवाजी ने मालो को घर जाने की आज्ञा दे दी। सुबह हुई। शिवाजी महाराज दरबार के राजकाज में व्यस्त थे। तभी दरबान ने आकर महाराज को सूचना दी–
“महाराज एक बालक आया है और आपसे मिलना चाहता है।”
Chhatrapati Shivaji Maharaj Story in Hindi
बालक दरबार में उपस्थित हुआ। वह बालक वही मालो था। दरबार में उसने कहा–
“मैं आ गया, महाराज! मुझे अब सजा दीजिए।”
शिवाजी महाराज सिंहासन से उठे। उन्होंने किशोर बालक को हृदय से लगाया और कहा–
“मालो तू सजा के योग्य नहीं है। मेरे हृदय में तेरा स्थान है। तू एक दिन आएगा , जब इस देश की पर चमकेगा। तू एक अनमोल रत्न है भारत का। “
शिवाजी महाराज की इस अनोखी उदारता पर सारा राज दरबार उनकी जय-जयकार से गूँज उठा।
Chhatrapati Shivaji Maharaj Story in Hindi
शिक्षा : इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है। कि उदारता व्यक्ति का एक महान गुण है ।
तो दोस्तों कैसी लगी यह Chhatrapati Shivaji Maharaj Story in Hindi आप सभी को। हमें उम्मीद है कि यह कहानी से आप सभी को कुछ सीख मिली होगी। दोस्तों ऐसे ही अनेकों कहानियां हमारे वेबसाइट पर उपलब्ध है।
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