जिसने की शर्म उसके फूटे कर्म | Moral Story Hindi

भैया भूखाराम तो पूरे शहर मे प्रसिद्ध हो गए थे। उसे जो भी मिलता उसी से खाना मांगकर खा लेता। कुछ न मिलता तो सूखी रोटी के टुकड़े खाकर ही अपना पेट भर

जिसने की शर्म उसके फूटे कर्म | Moral Story Hindi Read More

युक्ति से मुक्ति | Short Moral Story in Hindi

यदि इसे अभी ले जाऊँगा तो सब लोग जान जायेंगे। बड़ा हो-हल्ला मचेगा और यदि सरकार को पता लग गया तब तो इसमें से मुझे एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिलेगी। वह सन्दूक

युक्ति से मुक्ति | Short Moral Story in Hindi Read More

कौवों की चालाकी | Short Moral Story in Hindi

जाड़ों के दिन थे। हल्की सुहानी धूप फैली थी। साँझ होने वाली थी, अधिकांश जीव-जंतु अब तक घर वापस आ चुके थे। बरगद के उस घने पेड़ पर अनेक पक्षी बैठे हल्की धूप

कौवों की चालाकी | Short Moral Story in Hindi Read More

सूझ-बुझ | Sujh-Bujh | Short Moral Story Hindi

वृन्दावन के उस जंगल में कदम्ब के अनेक पेड़ थे। पेड़ो के पास ही एक बहुत बड़ा कुंड था, जिसका नाम था पोतरा कुंड। उसका पानी कम हो गया था, साथ ही गंदा

सूझ-बुझ | Sujh-Bujh | Short Moral Story Hindi Read More

समाज का गौरव | Short Friendship Moral Story Hindi

ज्ञानचंद और गुरदीप दोनों मित्र थे, वे अम्बाला में रहते थे। दोनों सातवीं कक्षा के छात्र थे। वे पढ़ने में तो होशियार थे, साथ ही साथ अच्छे स्काउट भी थे। दोनों ही अपने दल

समाज का गौरव | Short Friendship Moral Story Hindi Read More

भगवान का भरोसा | New Moral Story Hindi

जाड़े का दिन था और शाम हो गयी थी। आसमान में बादल छाये थे। एक नीम के पेड़ पर बहुत से कौए बैठे थे। वे सब बार-बार काँव-काँव कर रहे थे और एक-दूसरे

भगवान का भरोसा | New Moral Story Hindi Read More

चौधरी की मूर्खता | Moral Story in Hindi For Kids

एक गांव में एक निर्धन ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहता था। उसकी गरीब हालत देखकर गांव के लोगों ने सोचा कि थोड़ा चंदा इकट्ठा करके क्यों न इसे कुछ काम करा दिया जाये

चौधरी की मूर्खता | Moral Story in Hindi For Kids Read More