6 Small Story in Hindi with Comedy and Funny Story

आज हम आपको 6 ऐसी Small Story in Hindi बताएंगे जिसे आप मुर्ख जो बुद्धि का प्रयोग नहीं करना जानते ऐसे ऐसे लोगो की ये funny story in hindi आप सभी के लिए लाये है। ये 6 small story for kids in hindi भी बोल सकते है क्योंकि बच्चे इसे पढ़कर उनको बड़ा मजा आता है। तो आप सभी इस small moral stories in hindi को पढ़िए और इसे अपने दोस्तों को भी पढ़िए को कहिए।

Story 1

(Small Story in Hindi)

एक मुर्ख आदमी जंगल में रहता था। उसने कभी दीपक जलता हुआ नहीं देखा था। वह एक बार किसी बड़े गांव में गया और एक किसान के घर ठहरा। रात होने पर उस किसान के घर में दीपक जलाया गया। दीपक देखकर वह मुर्ख सोचने लगा —

“हे भगवान ! यह क्या जगमगा रहा है ? मैंने तो ऐसा कुछ आज तक नहीं देखा। यह तो एकदम नई वस्तु लगती है, परन्तु बढ़िया चीज को मांगने पर भी कोई मुझे नहीं देगा। तब यही ठीक रहेगा कि रात होने पर मैं इसे छिपा दूँ और सुबह अपने साथ लेता जाऊं। “

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रात बीतने पर जब सभी सो गए तो वह मुर्ख उठा और कोठी के पास जाकर उस दीपक को उठाकर नीचे घास-फुस की कोठरी में फेंक दिया। किसी को पता न चले इसलिए वह चुपचाप अपनी खाट पर सो गया।

कुछ देर बाद कोठरी में से आग की लपटे उठने लगीं। वह मुर्ख सुलगती हुई कोठरी में जाकर दीपक को खोजने लगा। सभी यह देखकर बोले–” अरे मुर्ख ! तू वहां क्या खोज रहा है ? दूर हट जा, नहीं तो जल जायेगा। ”

वह मुर्ख बोला–“यहाँ मेरी चीज रखी हुई है , उसे ढूंढ रहा हूँ। “

सबने पूछा–“वह चीज क्या थी ? “

वह मुर्ख बोला–“कोठरी के ऊपर जो जगमगा रही थी, वह ही मैंने यहाँ रखी थी। “

सब बोले–“अरे मुर्ख ! तब ऐसा बोल न ! हम तो सोच ही रहे थे कि आग कैसे लग गयी ?”

Story 2

(small moral stories in hindi)

एक ब्राह्मण और एक ब्राह्मणी साथ-साथ रहते थे। एक समय उनके घर में चोर घुस गए। खड़ खड़ाहट सुनकर ब्राह्मण ने ब्राह्मणी से कहा–“अरी ! तूने कुछ सुना क्या ? घर में शायद चोर घुस आए है। “

ब्राह्मणी बोली–“मुझे भी ऐसा ही मालूम पड़ता है। यदि आप कहो तो शोर मचाऊं और पड़ोसियों को इकट्ठा करूँ। ” ब्राह्मण बोला–“जरा सोचने दो। अपन ब्राह्मण है, इसलिए बिना मुहूर्त देखे हमें कोई भी काम नहीं करना चाहिए। मुझे पंचांग निकाल कर देखने दो कि आज शोर मचाने का मुहूर्त है या नहीं ?”

इतना कहकर ब्राह्मण पंचांग देखने लगा। ब्राह्मणी ने पूछा–“मुहूर्त निकला या नहीं ?”

ब्राह्मण बोला–“अरे मुहूर्त तो आज का नहीं है। वह तो छः महीने बाद है तो हमें सो जाना चाहिए। “

फिर चोर घर में कोई रुकावट न पाकर सब कुछ लूट ले गए। छः महीने बीतने पर ब्राह्मण ब्राह्मणी से बोला–“आज चोरो को पकड़ने के लिए शोर मचाने का मुहूर्त निकला है। ” आधी रात होने पर ब्राह्मण और ब्राह्मणी दोनों शोर मचाने लगे–“पकड़ो, पकड़ो ! घर में चोर घुसे है। “

शोर सुनकर सभी पड़ोसी दौड़े आए और ब्राह्मण से पूछा–“महाराज ! चोर घुसे कहाँ है ?”

ब्राह्मण ने कहा–“चोर तो आज से छः महीने पहले आए थे। आज शोर मचा रहा हूँ। “

तब पड़ोसी बोले–“महाराज ! आप तो बिलकुल मुर्ख मालुम पड़ते हो। आज छः महीने बाद शोर मचा रहे हो ?”

ब्राह्मण ने उत्तर दिया –“परन्तु भाइयों ! मुहूर्त तो आज का निकल रहा था इसलिए उस दिन शोर कैसे मचाता ?”

Story 3

(short stories for kids in hindi)

एक मुर्ख था। एक बार वह अपनी बहन के घर गया। बहन ने अपने भाई के लिए बड़े चाव से पुये बनाये और उसे खिलाये। भाई को पुये स्वादिष्ट लगे। वह अपनी बहन से बोला–“इनका क्या नाम है ?”

उसकी बहन ने उत्तर दिया –“पुआ। “

भाई ने सोचा कि घर पर ऐसे स्वादिष्ट पुये बनवाकर खाऊंगा। वह मन में “पुआ” शब्द रटता हुआ घर चला। वह समझा कि बिना रटे वह इसका नाम भूल जायेगा।

रास्ते में एक छोटा-सा नाला पड़ता था। उसको कूदकर पार करना पड़ता था। भाई ने जब उसे कूदकर पार किया तो वह “पुआ” शब्द भूल गया और “नाला पार किया” रटने लगा।

घर जाकर वह अपनी पत्नी से बोला–“मेरी बहन ने मुझे “नाला पार किया” बनाकर खिलाया था। तू जल्दी से मुझे “नाला पार किया” बनाकर खिला। “

उसकी पत्नी बोली–” मुझे ‘नाला पार किया’ बनाना नहीं आता। तुम वापस अपनी बहन के पास जाकर उसे कहो कि वह फिर बना दे। “

इस पर उस मुर्ख के दिमाग में गुस्सा आ गया। पास में पड़ा हुआ लकड़ी का डंडा उठाकर वह अपनी पत्नी को मारने लगा। बिचारी पत्नी के पुरे शरीर में मार खाकर पुए से बन गए।

चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी इकट्ठे हुए और बोले–“अरे मुर्ख ! अपनी पत्नी को कोई भला इस प्रकार पीटता है ? पुरे शरीर में पुये ही पुये बन गए। “

मुर्ख तभी बोला–“पुआ ! मैं तो यह नाम भूल ही गया था। मुझे पुये ही खाने है। “

सभी बोले–“मर मुर्ख राज। “

Story 4

(small story for kids in hindi)

एक किसान के एक लड़का था वह अक्ल का दुश्मन (मुर्ख ) था। एक समय वह खेत से घर लौट रहा था। तभी रास्ते में उसे एक घोड़ी वाला मिला। किसान के लड़के ने घोड़ी खरीदने का विचार किया और घोड़ी वाले से बोला–“अरे भाई ! इस घोड़ी को कितने में बेचोगे ?”

घोड़ी वाले ने कहा –“अरे छोकरे ! इस घोड़ी के मैं पुरे सौ रुपए लूंगा। “

लड़का बोला–“मेरे पास तो सिर्फ पचास रूपये है। “

घोड़ी वाला बोला–“तब तो तू घर का रास्ता नाप। ” ऐसा कहकर घोड़ी वाला आगे बढ़ने लगा।

small story in hindi
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लड़का बोला –“परन्तु भाई ! मैं तुम्हे पचास रूपये दे देता हूँ। बाकी पचास रूपये के बदले में तुम्हे तुम्हारी घोड़ी वापस दे देता हूँ। तुम्हे इसमें कोई इतराज थोड़े ही है ?”

घोड़ी वाला मुर्ख तो था नहीं , वह लड़के की बात समझ गया और घोड़ी के साथ पचास रूपये लेकर चला गया। परन्तु लड़का तो बहुत खुश था। वह झूठी घोड़ी हाकता हुआ घर जा पहुंचा ओर अपने पिता से बोला–“बापू, बापू ! मैं तो आज घोड़ी खरीद लाया। “

बाप ने पूछा –“घोड़ी कहाँ है ?”

लड़का बोला–“बापू अभी न मुझे एक आदमी मिला जो घोड़ी बेच रहा था जिसका दाम था सौ रूपये लेकिन मेरे पास पचास रूपये ही थे तो मैंने उसको पचास रूपये दिए और बाकि के पचास रूपये के बदले में मैंने वह घोड़ी, घोड़ी वाले को वापस दे दी। बिना बात कर्जा क्यों करता ?”

बाप बोला–“शाबास बेटा ! धन्य है तेरी अक्ल। “

Story 5

(short funny story in hindi)

एक मुर्ख ब्राह्मण था। एक बार उसका भांजा बीमार हो गया। ब्राह्मण अपने भांजे की खबर लेने उसके गांव गया। जब वह अपने भांजे से मिलकर लौट रहा था तो रास्ते में उसे एक मसखरा (मजाकिया) बनिया मिल गया। उसने ब्राह्मण से पूछा–“कहाँ से आ रहे हो ?”

ब्राह्मण ने बोला–“मेरा भांजा बीमार है न तो मैं उससे ही मिलकर आ रहा हूँ। “

बनिया बोला–“अब तो तुम्हे घर जाकर नहाना पड़ेगा न। “

ब्राह्मण ने कहा–“भाई ! घर में तो मैं सबको राजी-खुशी छोड़ गया था। इन दो दिनों में ऐसा क्या हो गया ?”

बनिया बोला–“काका ! बहुत बुरा हुआ। मुझसे कहा नहीं जाता , परन्तु मेरी काकी तो विधवा हो गयी। यह तो गजब हो गया है। “

ब्राह्मण ने बोला–“विधवा और ओ भी तुम्हारी काकी कैसे हो सकती है ? मैं तो उसे भली चंगी छोड़ गया था। “

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बनिया तो मन में हँसता हुआ आगे बढ़ गया। जबकि ब्राह्मण जोर-जोर से रोता हुआ अपने घर पहुंचा। मोहल्ले के सब आदमी इकट्ठा हो गए। ब्राह्मण घर के आँगन में जा बैठा और जोर-जोर से रोता रहा। घर में से उसकी बेटी निकल कर आयी और बोली–“बापू ! अब रोना-धोना छोड़ो। जो होना था, वह तो हो ही चूका है। “

ब्राह्मण उठकर आँखे पोंछने लगा , तभी बेटी ने पूछा–“बापू ! बांका भाई तो भले-चंगे थे और थोड़े समय में ही यह क्या हो गया ?”

ब्राह्मण बोला–“बेटी ! भांजा तो बिलकुल ठीक है, लेकिन गजब तो यहाँ हो गया है। मुझे रास्ते में उस कन्हैया बनिए ने बताया था कि उसकी काकी अर्थात मेरी पत्नी विधवा हो गयी। जब तेरी माँ विधवा हो गयी तो क्या मुझे रोना नहीं पड़ेगा ? यह तो गजब ही हो गया। “

बेटी बोली –“बापू, माँ कैसे विधवा हो सकती है जबकि आप तो जिन्दा है न। “

ब्राह्मण बोला–“अरे ! यह तो मैं भूल ही गया था। “

Story 6

(funny story in hindi)

एक किसान के एक लड़का था। वह प्रतिदिन जंगल में गाय चराने जाता था। एक दिन रास्ते में उसे एक ब्राह्मण मिला। ब्राह्मण ताली बजाकर राधाकृष्ण बोलता हुआ जा रहा था। किसान के लड़के को ताली की आवाज अच्छी लगी। इससे पहले उसने ऐसी आवाज नहीं सुनी थी। वह ब्राह्मण से बोला –“महाराज ! यह आप क्या बजा रहे है ?

ब्राह्मण चालाक था, वह समझ गया कि लड़का मुर्ख है। अतः वह बोला–” अरे भाई ! यह तो हमारी बनाई हुई ढोलक बजा रहे है। “

लड़का बोला–“आप मेरी नीली गाय के बदले मुझे अपनी ढोलक देने की कृपा करें। “

ब्राह्मण ने हां कर दी। गाय लेकर उसने लड़के तो ताली बजाना सीखा दिया और गाय लेकर आगे चल दिया। लड़का खुशी-खुशी ताली बजाता हुआ घर लौटा। वहां उसका पिता खाट पर बैठा हुआ था। लड़का खुश होता हुआ अपने पिता से बोला–“पापा, पापा ! मैं अपनी नीली गाय के बदले में यह ढोलकी लाया हूँ। इसे जरा सुनो तो सही। कितनी अच्छी बजती है यह। “

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पिता बुद्धिमान था। वह बोला–” हां बेटे ! यह ढोलकी तो बहुत भारी दिखती है। यह तो “चटपट” बोलती है। ऐसी सैकड़ों ढोलकी मैं देख चूका हूँ। ” लड़के की खुशी और बढ़ गई। शाम को खाने के समय लड़का माँ से बोला– “माँ ! यह ढोलकी कहाँ रखूं ?”

माँ बोली — “कोठी के ऊपर जो कुलड़ी रखी है उसमे रख दे। “

लड़के ने जल्दी से खाना खाया और हाथ धोकर कुलड़ी में से ढोलकी लेने गया , परन्तु वहां ढोलकी थी कहाँ, जो मिलती? लड़का ढोलकी न मिलने पर रोने लगा और बोला–“माँ ! ढोलकी तो गुम गयी। “

माँ बोली–“इतनी सी देर में कहाँ गई ? यह कुलड़ी ही उसको निगल गई होगी। “

सभी कहने लगे –“कुलड़ी को आग तपाने से ढोलकी वापस मिल जाएगी। “

अंगीठी में कोयले जलाकर उस पर कुलड़ी रखी गयी। तेज आंच से लड़के का हाथ जलने लगा तो उसने दूसरे हाथ की हथेली पर हाथ में मारा और ताली बज गयी। लड़का बोला–“अब मेरी ढोलकी वापस मिल गयी। “

सब यह जानकर खुश हुए।

तो कैसी लगी यह small short stories with moral values in hindi आप सभी को। उम्मीद करते है कि यह small story in hindi आप सभी को पसंद आयी होगी। ऐसे ही short stories for kids in hindi पढ़ने के लिए हमारे website में बने रहे। हम आपको ऐसे ही अच्छी-अच्छी hindi funny story बताते रहेंगे।

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