आज हम आपको एक New Moral Stories in Hindi बताएंगे जो बहुत अधिक आनंदमय है। यह कहानी दो भाइयो की है जिसमे एक अमीर और एक गरीब है जो आपस में लड़ते है एक घोड़ी क बच्चे के लिए और यह मामला महाराज के पास पहुँच जाता है।
इस New Moral Stories in Hindi में गरीब भाई की 7 साल की बेटी रहती है अत्यधिक बुद्धिमान रहती है जो महाराज द्वारा दिए हर चुनौतियों का अच्छे से सामना करती है। आप सभी यह कहानी पढ़े और इसका आनंद ले।
बुद्धिमान लड़की
(New Moral Stories in Hindi )
दो भाई सफर को निकले। उनमे से एक अमीर था और एक गरीब। गरीब भाई की गाड़ी में घोड़ी जुती थी और अमीर भाई की गाड़ी में घोड़ा। चलते-चलते रात हो गयी तो आराम करने के लिए रुक गए।
रात को गरीब भाई की घोड़ी ने बच्चा जना। बच्चा लुढ़ककर अमीर भाई की गाड़ी के नीचे आ गया। सुबह होते ही जब अमीर भाई ने बच्चे को अपनी गाडी के नीचे देखा तो गरीब भाई को जगाकर कहा ,देख , मेरी गाडी ने बच्चा जना है
गरीब भाई बोला , “भैया , गाड़ी बच्चा कैसे जन सकती ह?यह बच्चा तो मेरी घोड़ी ने जना है ,वही लुढ़ककर तुम्हरी गाड़ी के नीचे आ गया है।
दोनों भाई झगड़ने लगे और अदालत की शरण में गए। अमीर भाई ने हाकिम को रिश्वत देकर अपनी ओर कर लिया। पर गरीब भाई के पास देने को कुछ भी नहीं था। उसके पास तो सच्चाई थी।
आखिर यह मामला सौर्य महाराज के पास पहुँचा। महाराज ने दोनों भाइयों को अपने महल में बुलवाया और उन्हें बुझने के लिए चार पहेलियाँ दी :-
‘दुनिया में सबसे ताकतवर और सबसे तेज चलनेवाली कौन-सी चीज है, सबसे मोटी चीज कौन-सी है, सबसे कोमल कौन है और सबसे प्यारी चीज क्या है ?’
सौर्य ने सोचने के लिए उन्हें तीन दिन दिए।
New Moral Stories in Hindi :-
पैसेवाला भाई कुछ देर तक सोचता रहा। उसकी कुछ भी समझ में नहीं आया, तभी उसे अपनी बुढ़िया दोस्त का ध्यान आया और उसी से सलाह लेने के लिए उसके घर पहुँचा।
उसकी रोनी सूरत देखते ही बुढ़िया बोली, ‘इतने उदास क्यों हो मेरे बेटे दोस्त ?’
‘ क्या बताऊँ अम्मा, महाराज ने मुझे बुझने के लिए चार पहेलियाँ दी है और समय दिया है कुल तीन दिन। ‘
‘मुझे बताओ तो, सुनूँ कौन-सी पहेलियाँ हैं ?’
‘अच्छा तो सुनो। पहली पहेली यह है दुनिया में सबसे ताकतवर और सबसे तेज चलनेवाली कौन-सी चीज है ?’
‘अरे यह भी कोई पहेली है। मेरे पति की भूरी घोड़ी से ताकतवर कौन हो सकता है और तेज तो वह इतनी है कि खरगोश से भी आगे निकल जाए। ‘
दूसरी पहेली सुनो ‘ सबसे मोटी चीज कौन-सी है ?’
‘ अरे यह हमारा सूअर जिसे हम दो साल से पाल रहे है। वह अभी से इतना मोटा हो गया है कि अपने पैरो के बल खड़ा नहीं हो सकता। ‘
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तो तीसरी पहेली सुनो ‘ दुनिया में सबसे कोमल चीज क्या है ?’
‘पैरों का बिछौना। जाहिर है उससे अधिक कोमल और किस चीज की कल्पना की जा सकती है ?’
अच्छा अब आखिरी पहेली भी सुन लो ‘ दुनिया में सबसे प्यारी चीज कौन-सी है ?’
‘मेरा पोता, इवानुश्का। वही है सबसे प्यारा। ‘
‘भगवान तुम्हारा भला करे। मई आजीवन तुम्हारा आभारी रहूँगा। तुमने मुझ कम अक्ल वाले को अक्ल दी है। ‘
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उधर गरीब भाई फूट-फूटकर रोता हुआ घर पहुँचा। दरवाजे पर उसकी सात साल की बिटिया उसे मिली। उसके परिवार में बस यही एक लड़की थी। बिटिया बोली, ‘पिता जी, आप रो क्यों रहे है, और इतनी लम्बी आहे क्यों भर रहे है ?’
‘रोऊँ नहीं तो क्या करू बेटी ! महाराज ने मुझे चार पहेलियाँ तीन दिन में बूझने को दी है, और मैं जिंदगी भर उन्हें नहीं बुझ पाऊँगा। ‘
‘मुझे बताओ, कौन-सी पहेलियाँ हैं वे ?’
‘तो सुनो बेटी। दुनिया में सबसे ताकतवर और सबसे तेज चलनेवाली कौन-सी चीज है, सबसे मोटी चीज कौन-सी है, सबसे कोमल क्या है और सबसे प्यारी कौन-सी चीज है ?’
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पिता जी आप महाराज के पास जाइए और उससे कहिए सब चीजों से ज्यादा ताकतवर और तेज हवा है। सबसे मोती चीज धरती है, क्योंकि दुनिया की तमाम जानदार चीजों का वही पालन-पोषण करती है तथा उनका भर सहन करती है। सबसे कोमल अपना हाथ है क्योंकि आदमी नरम से नरम बिस्तर पर लेट जाए, फिर भी वह अपना सिर के निचे रखता है, और दुनिया में सबसे प्यारी चीज नींद है।
फिर दोनों भाई महाराज के सामने हाजिर हुए। महाराज ने उनके जवाब सुनकर गरीब भाई से पूछा, ‘तुमने पहेलियाँ खुद बुझी है या किसी से मदद ली है ?’
‘जहाँपनाह, मेरी एक बिटिया है सात साल की, उसी ने जवाब बताए है। ‘
‘अगर तुम्हारी बेटी इतनी बुद्धिमती है तो लो यह रेशम का धागा उसके पास ले जाओ और उससे कहो कि कल सुबह तक इस धागे से मेरे लिए एक कामदार तौलिया बुन दे। ‘
गरीब भाई ने रेशम का वह जरा-सा धागा ले लिया और जब वह घर पहुँचा तो फिर उसके चेहरे पर मुर्दनी छायी हुई थी और वह चिंता और शोक के सागर में डूबा हुआ था।
हमारा तो भाग्य ही फुट गया है, बेटी। ‘ उसने कहा, ‘महाराज ने हुक्म दिया है कि तुम रेशम के इस जरा-से धागे से उसके लिए एक कामदार तौलिया बुन दो। ‘
‘पिता जी आप चिंता न कीजिए। ‘ बिटिया ने जवाब दिया।
उसने झाडू से एक सींक निकाली और पिताजी को दी और बोली, ‘इस सींक को महाराज से पास ले जाइए और उससे कहिए कि पहले कोई ऐसा कारीगर ढूंढवाएँ जो इस सींक से करघा बुन दे। मैं उस करघे पर ही महाराज के लिए तौलिया बुनूँगी। ‘
New Moral Stories in Hindi
उसका बाप महाराज के पास गया और उसे बताया कि उसकी बिटिया क्या चाहती है। महाराज लड़की की अक्लमंदी को समझ गया इसलिए करघे की बात टाल गया और अपनी दूसरी शर्त रख दी। गरीब आदमी को डेढ़ सौ अण्डे देते हुए बोला, ‘ये अण्डे अपनी बेटी को देना और उससे कहना कि कल सुबह तक इन डेढ़ सौ अण्डों से चूजे तैयार कर दें। ‘
गरीब आदमी घर लौटा तो पहले से भी ज्यादा दुखी और निराश नजर आ रहा था। ‘अब क्या होगा बेटी ? एक मुसीबत टलती है तो दूसरी झट से आ कड़ी होती है। ‘ इतना कहकर उसने महाराज का नया आदेश सुना दिया।
‘दुखी न होइए, पिताजी’ , सात साल की बिटिया ने कहा।
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लड़की ने सारे अण्डे घर में खाने के लिए रख लिए। वह बाप से बोली, ‘आप महाराज से कहिए कि चूजों के लिए एक ही दिन में उगा हुआ दाना चाहिए। खेत जोतकर उसमे दाना बोना होगा और उसे काटकर दाना निकालना होगा। सो यह सब काम एक ही दिन में पूरा हो जाना चाहिए, नहीं तो चूजे उसे छुएँगे भी नहीं। ‘
महाराज मन ही मन लड़की की अक्लमंदी का लोहा मान गया। पर बोला, ‘अगर तुम्हारी लड़की इतनी बुद्धिमती है तो उससे कहना कि कल सुबह वह स्वयं यहाँ आए। मगर इस बात का ध्यान रखे कि वह न तो नंगी हो और न कपड़े पहने हो, न तो पैदल हो और न ही घोड़े पर सवार हो, न तो कोई भेंट लेकर आए और न ही बिना भेंट के आए। ‘
गरीब आदमी ने सोचा, ‘बस, अब मारे गए। यह काम तो मेरी बेटी भी नहीं कर पाएगी। ‘
लेकिन बिटिया बोली, ‘दुखी न होइए पिताजी। जरा शिकारियों के पास जाकर एक जिन्दा खरगोश और जिन्दा तीतर ले आइए। ‘
सो उसका बाप एक जिन्दा खरगोश और एक जिन्दा तीतर खरीद लाया।
अगले दिन मुँह अँधेरे ही लड़की ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मछली पकड़ने का जाल ओढ़ लिया। तीतर हाथ में लिया और खरगोश पर सवार होकर महाराज के महल की ओर चल दी।
महाराज उसे महल के फाटक पर मिला। लड़की ने उसे झुककर सलाम किया और फिर बोली, ‘महाराज, मैं आपके लिए यह भेंट लायी हूँ। ‘ इतना कहकर उसने तीतर को आगे बढ़ाया। लेकिन महाराज उसे लेना ही चाहता था कि वह फुर से उड़ गया।
‘बहुत ठीक। ‘ महाराज ने कहा, ‘मैंने जैसा हुक्म दिया था, तुमने हूबहू वैसा ही कर दिखाया। अब तुम मुझे बताओ, तुम्हारा बाप तो बहुत गरीब है, फिर तुम लोग अपना पेट कैसे भरते हो ?’
New Moral Stories in Hindi:-
मेरा बाप सुखी जमीन पर मछलियाँ पकड़ता है, वह पानी में जाल नहीं बिछाता। मैं अपने पल्ले में भरकर मछलियाँ घर ले आती हूँ, फिर उनका शोरबा बनाती हूँ। ‘
‘मुर्ख लड़की, सुखी जमीन पर मछलियाँ किसने देखी है, वे तो पानी में रहती है। ‘
‘जहाँपनाह, आप तो बड़े बुद्धिमान है न। लड़की ने व्यंग्य किया। आपने क्या, कभी गाड़ी को घोड़े का बच्चा जनते देखा है ? गाड़ी नहीं, घोड़ी बच्चा जनती है। ‘
उसके बाद महाराज ने घोड़ी का बच्चा गरीब भाई को दिलवा दिया। लड़की की बुद्धि को देखकर महाराज अत्यंत खुश हुए और उन गरीब को सोना-चाँदी से भरा एक पोटली दिया। वे गरीब भाई और उसकी बेटी खुशी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रहे है।
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