आज हम आपको एक ऐसी Short Funny Story In Hindi बताने जा रहे है। यह saas bahu ki kahani है। इसमें एक मुर्ख बहू रहती है जिसके हरकते बहुत ही नासमझ इंसान की तरह होती है। तो यह Funny Story In Hindi पढ़िए और मजे लीजिये।
मुर्ख बहू
(Short Funny Story In Hindi)
एक था बनिया। एक बार वह व्यापर के लिए प्रदेश जाने लगा। जाते -जाते अपनी बहू को बुलाकर उसने कहा, “मैं प्रदेश जा हूँ। तुम अच्छी तरह रहना। बच्चो को भी संभालना और अपनी सास का भी अपने बच्चो की तरह देखभाल करना। याद रखना, माँ से कोई काम मत करवाना। ”
बहू ने बोला, “ठीक है मैं आपकी बात समझ गई मैं वैसा ही करूंगी जैसा अपने बोला है। आप आराम से जाइये।
बहू ने बात ध्यान में राखी। बनिया तो चला गया। बहू ने दूसरे ही दिन माँजी से कह दिया, “माँजी ! आपके बेटे मुझसे कह गए है कि माँ को अपने बच्चो की तरह संभालना और उनको कोई काम मत करने देना। अब आप घर का कोई काम मत कीजिये। आप तो इन बच्चो के साथ खेलिए, खाइये और मौज करिए। “
माँजी गहरे सोच में पड़ गई, फिर बोलीं , “बहू, ठीक है। अब मैं ऐसा ही करुँगी। “
कुछ दिनों के बाद बहू ने अपनी बेटी के कान छिदवाय। उस समय बहू को अपने पति की यह बात याद आई कि माँ को बच्चो की तरह ही संभालना है इसीलिए बहू ने माँजी के कान छिदवाने की बात सोची। उसने माँजी से कहा, “माँजी, चलिए, आपके कान छिदवाने है। “
सुनकर माँजी घबरा उठी। उन्होंने बहू से कहा, “बहू, मुझे अपने कान, नहीं छिदवाने है। क्या अब अपने इस बुढ़ापे में मैं कान छिड़वाऊँ ? “
बहू बोली , “जी नहीं माँजी। आपको तो यह करना ही होगा। मैं नहीं चाहती कि आपका बेटा मुझे कुछ कहे। इसलिए आपको मैं अच्छी से देखभाल करुँगी। मेरी दोनों आँखे बराबर है। जैसी लड़की है वैसी ही आप भी है। “
माँजी मन-ही-मन समझ गई और सुनार के पास बैठकर उन्होंने अपने कान छिदवा लिए। सुनार ने कान छेड़े और कान में धागा भी डाला। बहू जिस तरह रोज-रोज लड़की के कान में तेल लगाती थी, उसी तरह माँजी के कान में भी लगाती रही।
Rochak Kahaniya Padhe – एक एक मुट्ठी
थोड़े दिनों बाद बहू ने अपने बेटी के लिए बाली बनवाई तो उसे अपने पति की बाद आयी फिर उसने माँजी के लिए भी बाली बनवाई और कहा आइए, आपको यह बाली पहना दूँ। “
माँजी ने कहा, “बहू, मुझको बाली क्यों पहनाती हो ? मैं बुढ़ी हूँ मुझे इसकी जरुरत नहीं है ? बाली तुम अपनी बेटी को पहनाओ। मुझको नहीं पहननी है। ” लेकिन बहू नहीं मानी। जबरदस्ती करके माँजी को बाली पहना ही दी।
इसके पश्चात माँजी छोटे बच्चो के साथ अपना मनोरंजन करती। घूमती, खेलती और कई तरह के मौज मस्ती करती। बहू ने एक बढ़िया दिन देख कर अपने बेटे को नाई से चोटी रखवा ली फिर बहू को माँजी की याद आ गई। माँजी बच्चो के साथ खेल रही थी। उन्हें वहां से बुलवा लिया और कहा, “माँजी, आइए। नाई के सामने बैठिए। अपने लड़के की तरह मुझे आपके सिर पर भो चोटी रखवानी है। जब गोविन्द के चोटी रखवाई है तो आपके क्यों न रखवाऊं ? इसलिए आप जल्दी आइए। “
माँजी ने बहू को बहुत समझाया, पर बहू टस-से-मस न हुई। आखिर माँजी नाई के सामने बैठी और उन्होंने अपने सिर पर चोटी रखवाई। बहू ने गोविन्द को और माँजी को जो बोला वही किया उनके साथ।
बाद में बहू रोज माँजी की चोटी में तेल डालती, चोटी गूंथती और सर पर ओढ़नी डालकर माँजी को बच्चो के साथ खेलने के लिए भेजती। जब खाने का समय होता, तो बहू उनको आवाज देकर बुलाती है।
ऐसे ही रोज का हाल था। जब बेटा घर वापस आया तो सबसे पहले उसने बहू से माँ के बारे में पूछा कि माँ कैसी है और कहाँ है मुझे उनसे आशीर्वाद लेना है। “
बहू ने बताया, “माँजी तो बच्चो के साथ खेल रही है। यही कही होगी आ जाएँगी। “
बेटे ने पूछा, “क्या कहते हो ! माँ गली में खेलने गई है ? गली में तो बच्चे खेलते है। क्या बुद्धि माँ कही खेलने जाती है। “
बहू ने कहा, “मैं तो माँ को खेलने भेजती हूँ। अपने कहा नहीं था कि माँ को बच्चो की तरह रखना। मैंने तो लड़की की तरह ही माँ के भी कान बिंधवाए है और कानो में बालियाँ पहनाई है। जब लड़के की चोटी रखवाई, तो मैंने माँ की भी चोटी रखवा ली थी। जब मई सबको खेलने भेजती हूँ तो माँ को क्यों न भेजूं ?मुझको सबके साथ-साथ एक-सा व्यवहार करना चाहिए ?”
पति समझ गया कि उसकी मुर्ख स्त्री की अकल का दिवाला निकल गया है। बाद में पति के कहने पर बहू ने माँ को पुकारा।
माँजी गली में से खेलती-खेलती आईं और अपने बेटे को देखकर उसकी आँखों में आंसू छलछला आय। माँ की हालत देखकर बेटा भी दुखी हो उठा। बहू की मूर्खता के लिए बेटे ने माँ से माफ़ी मांगी और बहू को बड़ी उल्टी-सीधी सुनाई।
तो कैसी लगी यह Funny Story In Hindi जो saas bahu ki kahani पर आधारित है। आशा करते है आपको यह पसंद आयी होगी।
सास बहु की कहानी पढ़ के बहुत हसी आयी। और भी ऐसी छोटी छोटी कहानियां लिखते रहिये।