एक-एक मुट्ठी | Ek-Ek Mutthi | Hindi Story

आज हम आपको एक बहुत ही Best Hindi Story कहानी बताएंगे जिसे पढ़कर आपको अवश्य आनंद मिलेगा। ये Best Hindi Story में अपने कही नहीं पढ़ी होगी।आप ये कहानी को अपने दोस्तों को भी भेजे ताकि उन्हें भी इसका आनंद मिल सके। ऐसे ही Best Hindi Story पढ़ने के लिए हमारे वेबसाइट में बने रहे।

Best Hindi Story –

Best Hindi Story
Best Hindi Story

एक-एक मुट्ठी

( Best Hindi Story )

बहुत समय पहले की बात है।

एक बार एक प्रान्त में अत्यंत भयंकर अकाल पड़ा। आकाश में बादल आये ही नहीं। पृथ्वी का कलेजा प्यास के कारण फट गया। बड़ी-बड़ी तरेड़ें पड़ गयी खेतो की जमीन में ! मानो वह भी भूक के कारण विकराल हो गयी हो। तालाब, कुएं और बावड़िया सुख गयी। पेड़ नंगे हो गए। घास जल गयी।

जब घरो का अनाज खत्म हो गया तब लोग दूसरे घरो की ओर चल पड़े। अनाज की तलाश में लोग अनजान स्थानों की ओर भी गए जहां कुछ एक को तो जंगली जानवर चट कर गए।

Best Hindi Story
Best Hindi Story

लोग भूख मारे कंकाल की तरह हो गए। उन्हें देखकर लोग रात में दर जाते थे।

अकाल की भयंकरता इतनी बड़ी कि अंत में अमीरों, जमींदारों और बड़े लोगो को सेर-सेर अनाज के बदले में बच्चे बेचने शुरू कर दिए। इतना ही नहीं माँ अपने प्राणो को बचाने के लिए बच्चो को छोड़ गयी और बच्चे अपने प्राणो को बचाने में माँ बाप को छोड़ कर भटक गए।

ऐसी स्थिति में कुछ बालक एक दाल बनाकर चल पड़े। भूख प्यास से व्याकुल वे दूसरे प्रान्त के एक गांव में घुसने लगे तो वहां के लोगो ने उन्हें रोक दिया। बालक हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगे। एक ने कहा, “बाबा, हम कई दिनों से भूखे है। हमे एक मुट्ठी चने ही दे दो। “

एक जवान आगे बढ़ा। वह दांत पीस कर बोला, “अरे यहाँ चने-वने कहाँ है। भागो कही और चले जाओ, उधर के गांव में। “

उन बच्चो में एक बालक रामू था। वह हाथ जोड़कर बोला, “हमे कुछ भी दे दो हम बहुत भूखे है। हमने कई दिनों से कुछ भी नहीं खाया है। हम सिर्फ जूठन पर ही जी लेंगे। “

Best Hindi Storyभोला Pandit ki Kahani : मन चंगा तो कठौती में गंगा

“अरे भाग-भाग ! फिर वह युवक अपने साथियो से बोला, “यदि यह भूखो का दल अपने गांव में घुस गया तो हम सब भी संकट में पड़ जायेंगे। यह भूखो का दल हमे चंद ही दिनो में भूखा बना देंगे।

लाचार वे लोग दूसरी ओर चल पड़ा छोटे-छोटे बच्चे सीमा पर चल रहे थे। एक बच्चा बीच में ही अचेत हो गया। रामू ने आकाश की ओर देखकर कहा, “भगवान हम सब बच्चो को एक साथ मृत्यु दे दें। हमे अब नहीं जीना है। “

तभी अचेत बच्चा उसी अवस्था में बड़बड़ाया, “रोटी……… मुझे भूख लगी है। “

उसकी बहिन सुबक पड़ी।

रामू ने उसे धैर्य दिया, “रो मत बहन रो मत ! मरना तो है ही पर हमे अंतिम दम तक कोशिश करनी चाहिए। शायद ईश्वर कोई भला दयालु आदमी भेज दे।

वे चलते-चलते दूसरे गांव की सीमा पर पहुंचे। पता नहीं, कैसे किसने इस दल की आने की सुचना दे दी थी कि सीमा पर लोग लठिया लेकर आ गए। मानो यह दल भूखे बच्चो की नहीं साक्षात् अकाल हो।

उन लोगो के चेहरे क्रूरता से भरे थे। उभरी आँखों में घृणा की चिंगारिया थी। मानों एक साथ कई राक्षस बाल कन्हैयो को निगलने आ गए हो।

बच्चे कांप उठे। फिर भी वे साहस करके गांव में घुसने लगे कि एक आदमी ने लाठी को पटक कर चेतावनी दी, ‘यदि गाँव में घुसने की चेष्टा की तो हम तुम्हे जान से मार देंगे। “

Best Hindi Story – Best Majedar Story – सबको राम राम

बच्चे कांप गए।

रामू ने अचेत बच्चे की ओर संकेत करके कहा, “इस मासूम पर दया करो। यह बिना रोटी खाये मर जाएगा। हमे कुछ काम दो….हमे अपने पास रख लो पर हम पर दया करो….हम बहुत भूखे है। “

पैसे वाला अपने सुख नहीं बांट सकता। जो उसके सुख को बटाने की चेष्टा करता है उसे वह ख़त्म करने पर तुल जाता है।

लाठी वाला आदमी बोला, “ये बच्चे नहीं, यह जीवित संकट है जो चंद दिनों में हमारी सुख चैन लूट लेंगे। हमारे संग्रह किये हुए अनाज को ये टिड्डियों की तरह खा जायेंगे। इन्हे गाँव में मत आने दो। ”

तभी एक बच्चे ने जबरदस्ती गाँव में घुसने की कोशिश किया। तड़ाक की आवाज के साथ एक लाठी उस पर पड़ी। वह गिर गया। उसके सिर से खून निकलने लगा। सारे बच्चे आतंकित हो गए। अब कुछ और लोग लाठिया लेकर आये, बच्चो के चेहरे भय से पिले पद गए।

Best Hindi Story –
Best Hindi Story
Best Hindi Story

सीमा के पास एक मंदिर था। उस मंदिर में से एक विधवा युवती दर्शन करके निकल रही थी। वह भगवान का नाम ले रही थी।

तभी उसे बच्चो की रोने की आवाज सुनाई दी। साथ ही लाठियों के गिरने की आवाज। बच्चे एक साथ कह रहे थे, “बचाओ-बचाओ मां..मां। ..ओ मां..”

उस विधवा युवती ने देखा की बड़े-बड़े मुस्टंडे मासूम बच्चो को कसाईयो की तरह पीट रहे है वह बिजली की फुर्ती से आयी और कड़ककर बोली, “ओ निरदइयो क्यों यह अत्याचार कर रहे हो, रुक जाओ..कहती-कहती वह बच्चो के आगे कड़ी हो गयी।

एक आदमी बोला, “यसोदा बहन, तू नहीं जानती कि ये कौन है ?

“ये बच्चो को कोई गलती नहीं है यह तो बस मुसीबत में है?”

“नहीं बहन, ये संकट के बादल है। यदि ये गाँव में घुस गए तो कुछ ही दिनों में हाहाकार मच जायेगा। “

Best Hindi Story तथा सामान्य विज्ञान पढ़े।

यसोदा का कुछ ही दिन पहले पति और पुत्र मर गए थे। वह कुछ पढ़ी-लिखी भी थी। उसके पास कुछ गाये, भैंसे भी थी। उसे उन बच्चो पर बड़ी दया आई। उसने दृढ़ता से कहा, “इन्हे मैं अपना अनाज खिलाऊंगी। अरे, सभी अपने अपने भाग्य का कहते है। जीव पर दया करनी चाहिए। “

एक बूढ़ा आगे बढ़ा। उसने कहा. “तुम्हारी दया हमे बिलकुल भी जरूरत नहीं है। हम इन भूखो को गाँव में नहीं आने देंगे। “

यसोदा जितनी दयालु थी, उतनी ही साहसी भी। कड़क कर बोली, “एक पाँव कब्र में है, फिर भी दया से वास्ता नहीं। मैं इन्हे अपने घर ले जाती हुं। देखती हु कौन माई का लाल बच्चो को हाथ लगाता है। जो लाठी चलाएगा मैं उसका हाथ तोड़ दूंगी। “

Samanya Vigyan Ke Rochak Tathya Part 2

उसका विकराल रूप देखकर वे लोग सहम गए। दरअसल यसोदा गाँव के चौधरी की बेटी थी ! चौधरी से सभी लोग घबराते थे।

यसोदा बच्चो को घर ले आयी। गांव में असंतोष की लहर व्याप्त हो गयी। चौधरी जैसे ही खेत से लौटा वैसे ही उसके सामने शिकायतों की बरसात कर दी गई। चौधरी परेशान जैसे ही घर आया, वैसे ही उसने देखा आँगन में लगभग तीस-चालीस बच्चे बैठकर खाना खा रहे थे। दूध भी पी रहे थे और यसोदा बड़े ही प्यार से उन्हें खाना खिला रही थी। चौधरी को देखते ही सारे बच्चे भयभीत हो गए। उनके हाथ जहा थे, वहां रुक गए।

उन्होंने प्रार्थना भरी नजर से यसोदा की ओर देखा। यसोदा ने मुस्कुराकर कहा, “अरे खाओ न, ये तो मेरे पिता जी है, कोई घबराने की बात नहीं, खाओ, मेरे बच्चो खाओ, निडर होकर खाओ। “

बच्चे फिर खाने लगे। यसोदा और उसकी मां बच्चो को परोस रही थी।

Best Hindi Story –
Best Hindi Story
Best Hindi Story

चौधरी ने गंभीर होकर पूछा, “यह क्या है बिटिया, सारे गांव वाले तुम्हारी शिकायत कर रहे थे। उनका कहना सच है कि इससे सारे गांव पर संकट आ सकता है। “

यसोदा ने कोमल स्वर में पूछा, “आप मुझे इतना ही बताइये, क्या मैंने कोई बुरा काम किया है?”

“नहीं तो? पर गाँव वालो और परिवार के सुख का भी ध्यान रखना चाहिए। “चौधरी ने गंभीर होकर कहा, “तुम्हारे भाइयों को ये काम पसंद नहीं आया तो घर में कलह हो जाएगी। “

“पिताजी !आप इन बच्चो को देखिये, ये बच्चे बिना माँ-बाप के है। इनका संसार में कोई नहीं है और यह बिट्टू है न वो मेरे बच्चे से मिलता-जुलता है ” मुझे इन बच्चो की सेवा करने दीजिये।

“ये लोगो की संख्या बहुत है बिटिया तू इन लोगो का परवरिश नहीं कर सकती तुमने इनको खाना खिला दिया न अब इनको जाने दो इसी में सबकी भलाई है । “

Best Hindi Story – एक से बढ़ कर एक Best Baccho ki kahani

रामू के हाथ का कौर छूट गया। वह लपक कर यसोदा के पास आया। बोला, “नहीं दीदी, हमको बाहर मत निकालना..हम तुम्हारे बिना भूखे मर जायेंगे.. “

बिट्टू अपनी तोतली बोली में बोला, “नहीं मैं तो यही रहूँगा..मैं नहीं जाऊंगा..मेरी तो माँ भी मर गई है। “

यसोदा की आँखे भर आयी। वह रुंधे स्वर में बोली, “सुना पिता जी ?इन दुखियारों पर दया करो। ”

चौधरी ने समझाया, “मैं दया के विरुद्ध नहीं हूँ फिर भी दूसरी बातो पर भी सोचना मेरा कर्तव्य है। तुम मेरी बात मान जाओ। “

यहाँ से जाने के बाद के दुखो से सारे बच्चे कांप गए। उन्होंने खाना छोड़ कर यसोदा को घेर लिया। कई बच्चे एक साथ कह उठे “दीदी, हम नहीं जायेंगे। दीदी हमे मत निकालो। “

यसोदा का ह्रदय करुणा से भर आया। उसने बच्चो को गले लगते हुए कहा, “मैं तुम्हारे पास रहूंगी। “

Best Hindi Story – शिक्षाप्रद Rochak Kahaniya Hindi Stories चतुराई

पर यसोदा के भाई नहीं माने।

एकाएक यसोदा को एक नया विचार सुझा। उसने सोचा कि एक बार किसी मुनि ने कहा था कि सागर से एक बूंद निकालने पर सागर का पानी नहीं घटता। फिर वह क्यों न सबसे थोड़ा-थोड़ा अनाज मांग कर इन बच्चो की परवरिश करे। यह सोच कर उसने कहा, “पिताजी, मैं आज ही इन बच्चो को लेकर चली जाउंगी। “

“कहां ?”

“भगवान के द्वार ! इस धरती पर ऐसे लोग है जिनके पास बहुत सारा अनाज है। कोठे भरे पड़े है। मैं इनसे प्रार्थना करूंगी कि वे अपनी बोरियों में से एक मुट्ठी दे दें … मेरा जीवन सफल हो जायेगा…. उम्र सादगी सेवा में काट जाएगी.. मुझे आज्ञा दीजिये। “यसोदा की माँ और पिता अड़ गए पर यसोदा ने अपना निर्णय नहीं बदला।

वह सादे कपडे पहन कर ‘इकतारा’ लेकर निकल पड़ी। कीर्तन कर करके अनाज मांगने लगी …. सांई ने तेरी झोली में इतना किया है कि उसमे से एक मुट्ठी मुझे दे दें। तेरा भंडार भरा का भरा रहेगा और मैं इन भूखो का पेट भर दूंगी। तेरे पास जो अनाज का सागर है….एक बून्द जितना अन्न मुझे दे दें..मैं इन छोटे प्रभुओ को भोग लगाउंगी।”

जब तक वर्षा नहीं हुयी वह नगर नगर और डगर डगर भजन गाती हुई घुमती रही .जिनका कोई नहीं था वह उसके पास आ जाता। यसोदा सचमुच की यसोदा हो गयी। वह सदः एक ही बात कहती थी, “यह अन्न तो सबका है, इसीलिए अरे भाई इसे बाँट कर खा..इसे भंडार में मत भर !माई उतना ही रख अपनी रसोई में, जिससे तेरे परिवार का पेट भर जय बाकी सब दुसरो को दे दें। “

कहते है यसोदा माई के पास से एक बच्चा जाता तो दूसरा आ जाता था, पता नहीं यह सिलसिला कब तक चलता रहा, शायद कही आज भी चलता हो।

एक छोटी बच्ची की जिसे Best Hindi Story कहा जा सकता है पढ़ने के लिए नीचे लिंक में क्लिक करे।

Best Hindi Storyबुद्धिमान लड़की

Best Hindi Story और पढ़ने के लिए comment करे।

3 Comments on “एक-एक मुट्ठी | Ek-Ek Mutthi | Hindi Story”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *