जिसने की शर्म उसके फूटे कर्म | Moral Story Hindi

भैया भूखाराम तो पूरे शहर मे प्रसिद्ध हो गए थे। उसे जो भी मिलता उसी से खाना मांगकर खा लेता। कुछ न मिलता तो सूखी रोटी के टुकड़े खाकर ही अपना पेट भर

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गुस्से का फल | Gusse ka Phal | Moral Story Hindi

चम्पू बन्दर की शरारतों से अमरकण्टक वन के सारे जानवर बड़े परेशान थे । उसकी शरारतों का कोई अन्त न था । कभी वह पेड़ की छाया में सोते हुए किसी भालू की पूँछ

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युक्ति से मुक्ति | Short Moral Story in Hindi

यदि इसे अभी ले जाऊँगा तो सब लोग जान जायेंगे। बड़ा हो-हल्ला मचेगा और यदि सरकार को पता लग गया तब तो इसमें से मुझे एक फूटी कौड़ी भी नहीं मिलेगी। वह सन्दूक

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Untitled2 Short Moral Story For Kids in Hindi

दुष्ट बालक | Short Moral Story For Kids in Hindi

वर्षा के दिन थे। तालाब लबालब भरा हुआ था। मेंढक किनारे पर बैठे एक स्वर से टर्र-टर्र कर रहे थे। कुछ लड़के स्नान करने गए। वे पानी में कूदे और तैरने लगे

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शिवाजी महाराज | Shivaji Maharaj Story in Hindi

महाराज छत्रपति शिवाजी अपने कक्ष में सो रहे थे। आधी रात बीत चुकी थी। धीरे-धीरे एक किशोर बालक ने उनके कक्ष (कमरे) में प्रवेश किया। उस किशोर बालक के हाथ में नंगी तलवार थी

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गोरा और बादल | Gora aur Badal | Short Moral Story Hindi

यह वह समय था जबकि अत्याचारी यवनों का ही भारत में बोलबाला था। दिल्ली की गद्दी पर मनुष्य वेशधारी राक्षस अलाउद्दीन अपने चाचा को मौत के घाट उतार अधिकार जमाए हुए था

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सुनो सुनो | Suno Suno | Hindi Short Moral Story

ऋतु के पिता रक्षामंत्रालय में उच्चपद पर थे। ऋतु देखती थी कि जब भी पिता जी घर पर होते तो उनके बहुत-से फोन आया करते। वे अपने सहयोगियों से प्रातः फोन पर बाते

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सुख का मार्ग | Short Moral Story Hindi For Kids

अभयारण्य में एक बार अकाल पड़ा। सभी जीव-जंतु परेशान हो उठे। वे प्राणों की रक्षा के लिए इधर-उधर भागने लगे। असु चूहे को भी आखिर अभयारण्य छोड़ना पड़ा। वह अपनी पत्नी और पुत्र

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कौवों की चालाकी | Short Moral Story in Hindi

जाड़ों के दिन थे। हल्की सुहानी धूप फैली थी। साँझ होने वाली थी, अधिकांश जीव-जंतु अब तक घर वापस आ चुके थे। बरगद के उस घने पेड़ पर अनेक पक्षी बैठे हल्की धूप

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सूझ-बुझ | Sujh-Bujh | Short Moral Story Hindi

वृन्दावन के उस जंगल में कदम्ब के अनेक पेड़ थे। पेड़ो के पास ही एक बहुत बड़ा कुंड था, जिसका नाम था पोतरा कुंड। उसका पानी कम हो गया था, साथ ही गंदा

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समाज का गौरव | Short Friendship Moral Story Hindi

ज्ञानचंद और गुरदीप दोनों मित्र थे, वे अम्बाला में रहते थे। दोनों सातवीं कक्षा के छात्र थे। वे पढ़ने में तो होशियार थे, साथ ही साथ अच्छे स्काउट भी थे। दोनों ही अपने दल

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चतुराई | Chaturai | Rochak Kahaniya

एक राजा था। उसका नाम महीपालसिंह था। वह बड़ा दयालु और धर्मात्मा था। प्रजा बड़ी सुखी थी। राज्य धन से भरा-पूरा था। वह घुड़साल में सभी नस्ल के घोड़ो की तन, मन, धन

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